गोंडा में बाढ़ का कहर : स्कूलों और स्वास्थ्य केंद्रों पर पानी भरा, प्रशासन ने की राहत व्यवस्था

स्कूलों और स्वास्थ्य केंद्रों पर पानी भरा, प्रशासन ने की राहत व्यवस्था
UPT | घाघरा नदी का पानी घरों में घुसा हुआ

Sep 21, 2024 16:33

बाढ़ के कारण बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो, इसके लिए जिला प्रशासन ने कई प्रभावित स्कूलों का संचालन अस्थायी रूप से अन्य जगहों पर स्थानांतरित कर दिया है। गोंडा जिला अधिकारी नेहा शर्मा के निर्देश पर प्रभावित विद्यालयों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया...

Sep 21, 2024 16:33

Gonda News : गोंडा जिले में घाघरा नदी का जलस्तर भले ही घट रहा है, लेकिन बाढ़ का असर अभी भी बना हुआ है। कई क्षेत्रों में प्राथमिक विद्यालयों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और स्थानीय निवासियों के घरों में पानी भरा हुआ है, जिससे जनजीवन प्रभावित है। इन कठिन परिस्थितियों के चलते, कई स्कूलों को बंद कर दिया गया है और कुछ को अन्य स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया है। वहीं, बाढ़ के कारण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर पानी जमा होने के कारण इलाज करवाने आए मरीजों को सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं, जिससे स्थानीय लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

स्कूलों की पढ़ाई पर बाढ़ का असर
बाढ़ के कारण बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो, इसके लिए जिला प्रशासन ने कई प्रभावित स्कूलों का संचालन अस्थायी रूप से अन्य जगहों पर स्थानांतरित कर दिया है। गोंडा जिला अधिकारी नेहा शर्मा के निर्देश पर प्रभावित विद्यालयों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है। जैसे, प्राथमिक विद्यालय गढ़ी द्वितीय का संचालन अब प्राथमिक विद्यालय गढ़ी प्रथम में किया जा रहा है। इसी तरह, प्राथमिक विद्यालय गोडियाना को उच्च प्राथमिक विद्यालय ऐली परसौली में स्थानांतरित किया गया है। इसके अलावा, कंपोजिट विद्यालय तुरकौली को प्राथमिक विद्यालय बालापुर में और उच्च प्राथमिक विद्यालय दुल्लापुर तथा प्राथमिक विद्यालय मल्लाहनपुरवा का संचालन प्राथमिक विद्यालय दुल्लापुर में किया जा रहा है। इस कदम से बच्चों की शिक्षा को निरंतर बनाए रखने की कोशिश की जा रही है, ताकि बाढ़ से प्रभावित बच्चों की पढ़ाई पर ज्यादा असर न हो।



बाढ़ से प्रभावित लोगों की हालत
कर्नलगंज और तरबगंज तहसील क्षेत्र में बाढ़ का कहर अभी भी जारी है। यहां 39 गांवों की 71329 जनसंख्या और 18,000 पशु बाढ़ से प्रभावित हैं। जिला प्रशासन द्वारा इन बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है। राजस्व अधिकारियों की देखरेख में सर्वे कराकर बाढ़ प्रभावित परिवारों तक मदद पहुंचाई जा रही है। स्थानीय जनप्रतिनिधि और प्रधान भी इस काम में सहयोग कर रहे हैं, उन्होंने बाढ़ पीड़ितों को लंच पैकेट्स भी उपलब्ध कराए हैं ताकि खाना बनाने की स्थिति में ये लोग भूखे न रहें।

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कटान पर प्रशासन की नजर
घाघरा नदी द्वारा हो रहे तेजी से कटान को लेकर जिला प्रशासन सतर्क है। गोंडा के अपर जिलाधिकारी आलोक कुमार ने बताया कि अधिकारी लगातार तटबंध का निरीक्षण कर रहे हैं ताकि ग्रामीणों को किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े। प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है और प्रभावित लोगों को मुआवजा भी दिया जा रहा है, जिनके घरों या संपत्ति को नुकसान हुआ है।

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