गोंडा में हुए रेल हादसे की जांच के लिए रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) ने गोरखपुर-लखनऊ रेल मार्ग पर 35 घंटे का ब्लॉक मांगा है। सीआरएस ने इस मामले में उत्तर पूर्वी रेलवे (एनईआर) को पत्र भेजकर अनुरोध किया है…
गोंडा रेल हादसा जांच : 35 घंटे का मांगा गया ब्लॉक, 200 ट्रेनें हो सकती हैं प्रभावित
Aug 14, 2024 17:53
Aug 14, 2024 17:53
प्रभावित ट्रेनें
एनईआर इस ब्लॉक के लिए सहमति देती है, तो इसका प्रभाव रेल यातायात पर बड़े पैमाने पर पड़ेगा। 35 घंटे के इस ब्लॉक के दौरान करीब 100 ट्रेनों को रद्द करना पड़ेगा, जबकि अन्य 100 ट्रेनों के मार्ग को बदलना होगा। फिलहाल, ब्लॉक देने पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है, लेकिन पूरे रेलवे महकमे में इस डिमांड को लेकर चर्चाएं चल रही हैं, क्योंकि यह पहली बार है जब किसी रेल दुर्घटना की जांच के लिए सीआरएस ने इतनी लंबी अवधि के ब्लॉक की मांग की है।
हादसे की जानकारी
18 जुलाई को गोंडा के झिलाही इलाके के पास चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी, जिससे तीन बोगियां पटरी से उतर गई थीं। इस दुर्घटना में चार यात्रियों की मौत हो गई थी और 25 अन्य घायल हो गए थे। हादसे के बाद सीआरएस ने तुरंत जांच शुरू कर दी थी और अब तक संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों से पूछताछ भी की जा चुकी है। हालांकि, अभी तक प्रारंभिक जांच रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई है।
जांच की प्रक्रिया
सीआरएस द्वारा मांगे गए ब्लॉक का उद्देश्य दुर्घटनाग्रस्त बोगियों को ट्रैक पर वापस रखकर उनकी माप करना है। यह माप दुर्घटना की तकनीकी जांच के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है, जिससे हादसे के कारणों का पता चल सकेगा। सीआरएस के पत्र के बाद, डीआरएम लखनऊ मंडल ने परिचालन विभाग से इस ब्लॉक के लिए अनुरोध किया है। हालांकि, यात्री हितों को ध्यान में रखते हुए अभी तक इस ब्लॉक को मंजूरी नहीं दी गई है।
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