गोंडा रेल हादसे में बड़ा खुलासा : की-मैन बार-बार कहता रहा, किसी ने नहीं सुनी, ऑडियो ने खोल दी पोल...

की-मैन बार-बार कहता रहा, किसी ने नहीं सुनी, ऑडियो ने खोल दी पोल...
UPT | चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस दुर्घटना

Jul 20, 2024 12:38

रेलवे के की-मैन द्वारा बार-बार चेतावनी देने के बावजूद अधिकारियों ने उसकी बात नहीं सुनी, जिसके परिणामस्वरूप यह भीषण हादसा हुआ। की-मैन ने स्पष्ट रूप से कहा था कि ट्रैक पर "बकलिंग" (मुड़ने) की संभावना है और ट्रेन के पटरी से उतरने का खतरा है। 

Jul 20, 2024 12:38

Gonda News : चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस दुर्घटना में एक बड़ा खुलासा हुआ है। रेलवे के की-मैन द्वारा बार-बार चेतावनी देने के बावजूद अधिकारियों ने उसकी बात नहीं सुनी, जिसके परिणामस्वरूप यह भीषण हादसा हुआ। की-मैन ने स्पष्ट रूप से कहा था कि ट्रैक पर "बकलिंग" (मुड़ने) की संभावना है और ट्रेन के पटरी से उतरने का खतरा है। 

जानकारी के अनुसार, दुर्घटना वाला ट्रैक पहले से ही खतरनाक स्थिति में था। की-मैन ने हादसे से एक दिन पहले ही अधिकारियों को सतर्क किया था। हादसे से मात्र आधे घंटे पहले भी की-मैन ने फोन पर अधिकारियों को ट्रैक की खराब स्थिति के बारे में बताया। अधिकारियों ने सावधानी बरतने का आश्वासन दिया, लेकिन पर्याप्त कार्रवाई नहीं की। अधिकारियों ने केवल गति सीमा 30 किमी प्रति घंटे तक सीमित करने का निर्णय लिया, जो पर्याप्त नहीं था। रेलवे के की-मैन और अफसर की बातचीत के दो ऑडियो सामने आए हैं। पढ़िए,  ट्रेन हादसे से पहले क्या बात हुई थी….

ऑडियो 1: हादसे से एक दिन पहले 17 जुलाई को की-मैन की अपने अधिकारी को कॉल

की-मैन: हैलो…कह रहे हैं कि मिलान पर लाइन गड़बड़ लग रही है।
जेई रंजन: मिलान पर?

की-मैन: हां…मिलान पर बिल्डिंग से पश्चिम।
जेई रंजन: बताए तो थे इंचार्ज को। हम देखे थे एक दिन जाकर के। गड़बड़ तो है ही।

की-मैन: गड़बड़ नहीं…बहुत गड़बड़ लग रही है लाइन। वही बिल्डिंग से लेकर पश्चिम तरफ है। टेढ़ी-मेढ़ी हो गई है।
जेई रंजन: आगे का फिटिंग-विटिंग देख लो। सब सही है ना?

की-मैन: हां…सब ठोंक कर आए हैं।
जेई रंजन: बढ़िया से सब तार-वार लगाकर बाहर एकदम चकाचक कर देना।

की-मैन: हां…सब टाइट करके आए हैं।
जेई रंजन: भले दूसरी तरफ मेहनत कम करना। लेकिन जिस एरिया में जहां पर लग रहा है, उस एरिया में जाकर बढ़िया से एकदम ठोक-ठाक देना। कुछ गिरा ना रहे। लाइनर के साथ।

की-मैन: ठीक है।
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ऑडियो 2: हादसे से आधे घंटे पहले की-मैन का अधिकारी को कॉल

की-मैन: कॉशन लगा है कि नहीं 38/5 में?
जेई रंजन: कॉशन लगा है?

की-मैन: पूछ रहे हैं आपसे...कॉशन लगा है कि नहीं
जेई रंजन: कॉशन लगने वाला है।

की-मैन: बहुत डेंजर इस समय हो गया है।
जेई रंजन: कॉशन लगने वाला है।

की-मैन: हां, तो बहुत डेंजर हो गया है। बकलिंग (मुड़ने) होने की संभावना है।
जेई रंजन: क्या बताए अब! (ढीली आवाज में)

की-मैन: सर, बहुत डेंजर हो गया है। सुबह से देखे, तभी से बहुत डेंजर लग रहा है। कहीं पहिया उतरने की संभावना ना हो जाए। कोई ठिकाना नहीं है।
जेई रंजन: अभी इंचार्ज फुट प्लेट करके आए हैं। कॉशन लग रहा है। (ढीली आवाज में)

की-मैन: हां…कॉशन लगवा दीजिए। कोई बात हो जाएगी तो दिक्कत हो जाएगी।
जेई रंजन: कॉशन लग रहा है। वहां प्लेट-व्लेट लग चुका है। 30 (किमी प्रति घंटे की स्पीड) लगने वाला है।

की-मैन: ठीक है सर
जेई रंजन: 30 का लगेगा कॉशन।

की-मैन: ठीक है सर

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