हाथरस के सिकंदराराऊ क्षेत्र में हुई दुखद घटना ने सभी को स्तब्ध कर दिया है। नारायण साकार हरि महाराज उर्फ भोले बाबा के सत्संग में मची भगदड़ से कई लोगों की जान चली गई।
हाथरस हादसा : गोंडा में भी हुआ था भोले बाबा का सत्संग, पांच साल पहले सजा था दरबार
Jul 04, 2024 17:21
Jul 04, 2024 17:21
2019 में भी हुआ था विशाल सत्संग का आयोजन
नवंबर 2019 में गोंडा-लखनऊ हाईवे पर हारीपुर गांव के निकट एक विशाल सत्संग का आयोजन किया गया था। पांच दिवसीय इस कार्यक्रम में लखनऊ, दिल्ली, हरियाणा सहित विभिन्न क्षेत्रों से हजारों श्रद्धालु शामिल हुए थे। भोले बाबा को पंतनगर के एक मैरिज हॉल में ठहराया गया था, जहां से सत्संग स्थल लगभग पांच किलोमीटर दूर था। उनके आगमन पर भव्य स्वागत किया गया, जिसमें फूलों की वर्षा और भक्तों की उमड़ती भीड़ शामिल थी। बाबा के आगमन पर लोग उनके दर्शन के लिए एक दूसरे को धक्का दे रहे थे। पुलिस प्रशासन को भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।
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सत्संग आयोजन में व्यवस्था की कमी से उठे सवाल
लोनियनपुरवा की पतिराजी और नकहरा के श्यामलाल ने बताया कि भोले बाबा मंच से सत्मार्ग पर चलने का संदेश देते थे। मथुरा गांव की मंगला और मीना देवी ने कहा कि लोग बाबा के पैरों की धूल को माथे पर लगाने के लिए उतावले थे। यह उत्साह पांच दिनों तक बना रहा। एक गुमनाम व्यक्ति ने बताया कि भीड़ के अनुरूप न तो छाजन का इंतजाम था और न ही पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था। कई लोग भूख से परेशान थे। महिलाओं और बच्चों की संख्या अधिक थी, जिन्हें विशेष असुविधा का सामना करना पड़ा। इन कमियों के कारण बहुत से लोग बीच में ही कार्यक्रम छोड़कर चले गए। इसके अलावा, हाईवे पर जाम की समस्या ने भी लोगों को परेशान किया।
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