अराजकता के चलते यात्री घंटों जाम में फंसे रहते हैं और कई बार तो मेडिकल इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को भी जाम का सामना करना पड़ता है। खासकर गोंडा मेडिकल कॉलेज और गोंडा महिला अस्पताल में इलाज के लिए आ रहे मरीजों को जाम की स्थिति के कारण भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
ट्रैफिक जाम की विकराल समस्या : गोंडा में अवैध बसों, टैक्सी स्टैंड और ठेलों की अराजकता से लोग परेशान
Nov 13, 2024 01:05
Nov 13, 2024 01:05
अवैध बसों के संचालन से अराजकता
अवैध रूप से चलने वाली ये बसें बिना किसी निर्धारित स्टॉप के यात्रियों को अपनी सेवा प्रदान करती हैं। इनमें क्षमता से अधिक यात्रियों को भरा जाता है और उनसे अत्यधिक किराया वसूला जाता है। इन बसों के असंगठित संचालन के कारण यात्रियों के साथ बदसलूकी और सुरक्षा की अनदेखी जैसी समस्याएं आम हो गई हैं। खासकर गोंडा मेडिकल कॉलेज और महिला अस्पताल में आने वाले मरीजों के लिए यह जाम और भी बड़ी समस्या है, जिससे एंबुलेंस को भी रास्ता नहीं मिलता और कई बार मरीजों की हालत गंभीर हो जाती है।
स्थानीय पुलिस और परिवहन विभाग पर मिलीभगत के आरोप
स्थानीय पुलिसकर्मियों और परिवहन विभाग के अधिकारियों पर इन अवैध बसों के संचालन में मिलीभगत के आरोप भी लगते हैं। ये बसें बिना रोक-टोक गोंडा की सड़कों पर संचालित होती रहती हैं, जिससे उत्तर प्रदेश परिवहन निगम को वित्तीय नुकसान का भी सामना करना पड़ रहा है। अव्यवस्था और अनियंत्रित संचालन ने नगर की यातायात व्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित किया है, जिससे सभी वर्गों के लोग परेशान हैं।
जिलाधिकारी का सख्त रुख, अभियान तेज
गोंडा जिले की जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने यातायात जाम और अवैध बसों की समस्या को गंभीरता से लेते हुए सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि जिले में लगातार अवैध बसों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है और अब तक 200 से अधिक चालान किए जा चुके हैं। डीएम ने यह भी कहा कि पूरे नवंबर माह को "यातायात माह" के रूप में मनाते हुए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इस दौरान बसों की फिटनेस, परमिट और अन्य मानकों की जांच की जा रही है। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि जब तक अवैध बसों का संचालन और यातायात जाम की समस्या समाप्त नहीं होती, तब तक यह अभियान जारी रहेगा और आवश्यकतानुसार इसे और कठोर बनाया जाएगा।
स्थानीय निवासियों की उम्मीदें और प्रशासनिक प्रयास
गोंडा की सड़कों पर हर दिन लगने वाला जाम स्थानीय निवासियों के लिए एक बड़ी समस्या बन चुका है। जिलाधिकारी के इस कठोर कदम से नागरिकों को राहत मिलने की उम्मीद है और यह भी उम्मीद है कि यातायात व्यवस्था में सुधार होगा। प्रशासन के इन प्रयासों से गोंडा में यातायात की अव्यवस्था पर जल्द ही काबू पाने की संभावना है।
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