बलरामपुर में पूर्व जिला पंचायत सदस्य की घर में घुसकर हत्या कर दी गई। घटना को अंजाम देने के बाद दस लाख से ज्यादा के जेवर और नगदी लूट...
Balrampur News : घर में घुसकर पूर्व जिला पंचायत सदस्य की हत्या, जेवर-नगदी उड़ा ले गए बदमाश, जानें पूरा मामला
Nov 14, 2024 00:21
Nov 14, 2024 00:21
- लगभग दो घंटे तक जांच करती रही फोरेंसिक टीम
- सभी दरवाजों की कुंडियों पर भी वैज्ञानिक तरीके से साक्ष्य जुटाया गया
क्या है पूरा मामला
यह पूरा मामला सुदर्शनजोत गांव का मजरा निबोरिया का है। दशरथ सिंह यहां के प्रधान रह चुके हैं। वह मंगलवार रात 14 वर्षीय पोते कृतिक के साथ ड्राइंग रूम में सोए थे। उनकी पत्नी पूर्व जिला पंचायत सदस्य सरोज सिंह (70 वर्षीय) दूसरे कमरे में सोई हुई थी। पुत्र अखिलेश बहादुर सिंह और उसकी पत्नी दूसरे मंजिले पर कमरे में सोए थे। लघुशंका लगने पर दशरथ सिंह की नींद रात लगभग एक बजे टूटी। कमरे से निकलना चाहा तो बाहर से दरवाजा बंद मिला। दरवाजे की कुंडी खराब है। किसी ने कपड़ा बांधकर दरवाजा लॉक कर दिया था। यह बात उन्होंने पोते कृतिक से बताई। कृतिक का हाथ पतला सो उसे कपड़ा खोलने में कामयाबी मिल गई। यह कपड़ा दशरथ सिंह का अगौछा था जो बरामदे में सूखने के लिए डाला गया था।
पत्नी सरोज के कमरे में पहुंचे तो देखा कि वह बिस्तर पर पड़ी थीं। सरोज सिंह की मौत हो चुकी थी। कमरे के सामान बिखरे पड़े थे। आलमारी का लॉक खुला था। उन्होंने अपने बेटे अखिलेश बहादुर सिंह उर्फ मुन्ना को घटना की जानकारी दी। बदमाशों ने मुन्ना के कमरे का भी दरवाजा बाहर से बंद कर रखा था। आलमारी खोलकर देखा तो उसमें रखे सात लाख रुपए के जेवरात, तीन लाख रुपए नकद और रिवाल्वर गायब था। घटना की जानकारी डायल 112 पुलिस को दी गई। आस पास लोगों को जानकारी हुई तो वे दशरथ सिंह के घर पहुंच गए।
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मौके पर पहुंचे अधिकारी
रात में ही पुलिस अधीक्षक विकास कुमार, एएसपी नम्रिता श्रीवास्तव, सीओ ज्योतिश्री, महराजगंज तराई के प्रभारी निरीक्षक अखिलेश कुमार पाण्डेय, एसएचओ ललिया और हरैया के प्रभारी निरीक्षक हमराहियों के साथ निबोरिया पहुंच गए। अधिकारियों ने कमरे को लॉक करवा दिया। मौके पर फोरेंसिक टीम को बुलाया गया। जांच में पाया गया कि बदमाश दीवार फांदकर दशरथ सिंह के आवासीय परिसर में घुसे थे। वहां एक सीढ़ी रखी थी, जिसके सहारे बदमाश छत पर चढ़कर आंगन में उतरे थे। नीचे चार कमरे बने हैं। एक को छोड़ बदमाशों ने तीन कमरे को बाहर से बंद कर दिया था।
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साक्ष्य जुटाने में जुटी फोरेंसिक टीम
मौके पर पहुंची फोरेंसिक टीम ने तकिए के कवर से बदमाशों के फिंगर प्रिंट उतारे हैं। आलमारी के लॉकर से भी बदमाशों के अंगुलियों के निशान उतारे गए हैं। सभी दरवाजों की कुंडियों पर भी वैज्ञानिक तरीके से साक्ष्य जुटाया गया है। बाहर पड़ी सीढ़ी से भी फिंगर प्रिंट लिया गया है। फोरेंसिक टीम लगभग दो घंटे तक जांच करती रही। बताया जाता है कि कमरे में किसी पुरुष के सिर के बाल मिले हैं। परिजनों को संदेह है कि सरोज सिंह ने बदमाशों का डटकर मुकाबला किया है। जान बचाने के लिए उन्होंने मुंह को तकिए से दबाने वाले बदमाश के बाल नोच लिए, जो कमरे में पाए गए हैं।
घटना में किसी करीबी का हो सकता है हाथ
घटना को अंजाम दिलाने में मुखबिर की सक्रिय भूमिका सामने आई है। माना जा रहा है कि इसमें किसी करीबी का भी हाथ हो सकता है। अखिलेश बहादुर सिंह बताते हैं कि घर का सारा पैसा उनकी मां ही रखती थी। जेवरात भी उसी कमरे में रखे थे। कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उनके घर डकैती पड़ेगी। सरोज सिंह कमरे का दरवाजा बंद करके नहीं सोती थीं। इस बात की जानकारी बहुत कम लोगों को थी। घटना के पहले दशरथ सिंह के घर की रेकी कराई गई है।
आलमारी से गायब रिवाल्वर खेत में मिला
आलमारी से गायब रिवाल्वर का खेत में मिलने के बाद सबको हैरान कर दिया है। बदमाश आलमारी में रखा प्वाइंट 32 बोर का जो रिवाल्वर अपने साथ ले गए थे वह दोपहर में गांव से थोड़ी दूर खेत में पाया गया है। सरोज सिंह के सिराहने 12 बोर की बंदूक रखी थी, जिसे बदमाशों ने हाथ तक नहीं लगाया। अखिलेश बहादुर सिंह अपने कमरे में राइफल रखते हैं। निबोरिया एक ऐसा गांव है जहां लगभग 50 लोगों के पास लाइसेंसी हथियार है। बदमाशों को इस बात की जानकारी थी। इसी वजह से उन्होंने चीखने चिल्लाने से पहले ही सरोज सिंह की हत्या कर दी।
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