राप्ती नदी में बाढ़ का कहर : चार जिलों में नदी उफान पर, प्रभावित इलाकों में मदद के लिए 64 टीमें तैनात

चार जिलों में नदी उफान पर, प्रभावित इलाकों में मदद के लिए 64 टीमें तैनात
UPT | राप्ती नदी

Jul 18, 2024 10:06

उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ की विकट स्थिति ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। राप्ती नदी के उफान ने गोंडा, सिद्धार्थनगर और गोरखपुर जैसे जिलों में तबाही मचा दी है।

Jul 18, 2024 10:06

Gonda News : उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ की विकट स्थिति ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। राप्ती नदी के उफान ने गोंडा, सिद्धार्थनगर और गोरखपुर जैसे जिलों में तबाही मचा दी है। जिससे कई गाँव जलमग्न हो गए हैं। 23 जिलों में सामान्य से 120 प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की गई है, जबकि 19 जिलों में सामान्य वर्षा हुई है। राप्ती नदी के साथ-साथ कहीं और नदियां भी खतरे के निशान से ऊपर पहुंच चुकी हैं। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीसीएस की कुल 64 टीमें दिन-रात मेहनत कर राहत और बचाव कार्य कर रही हैं ताकि बाढ़ में फसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा सके। 

बाढ़ के कारण कई 10 लोगों की जान
उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। राप्ती नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण गोंडा, सिद्धार्थनगर और गोरखपुर जिलों में कई गाँव जलमग्न हो गए हैं। इस प्राकृतिक आपदा ने न केवल लोगों के जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है, बल्कि 10 लोगों की जान भी ले ली है। प्रदेश के मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 23 जिलों में सामान्य से 120 प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की गई है, जबकि 19 जिलों में सामान्य वर्षा हुई है। इस अत्यधिक वर्षा ने बाढ़ की स्थिति को और भी विकट बना दिया है। पीलीभीत, गाजीपुर और एटा जिलों में एक-एक व्यक्ति की डूबने से मृत्यु हुई है। मुरादाबाद और गोरखपुर में तीन लोगों की जान गई है।

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कई नदियां खतरे के निशान पर
सिंचाई विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, गोरखपुर जिले में बर्डघाट और रिगौली क्षेत्रों में राप्ती नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। इसी तरह, सिद्धार्थनगर जिले में ककरही में बूढ़ी राप्ती और उसका बाजार में कुन्हरा नदी भी खतरनाक स्तर पर पहुँच गई है। गोंडा जिले में क्वानों नदी ने भी अपना रौद्र रूप दिखाया है, जो खतरे के निशान को पार कर चुकी है। 

राहत- बचाव कार्य जारी है
राज्य सरकार ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों को तेज कर दिया है। इस संकट से निपटने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) और प्रांतीय सिविल सेवा (पीसीएस) की कुल 64 टीमें तैनात की गई हैं। ये टीमें दिन-रात मेहनत कर रही हैं ताकि प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा सके। बाढ़ शरणालयों में रह रहे लोगों के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की जा रही हैं। इन शरणालयों में भोजन, पीने का पानी, दवाइयाँ और अन्य आवश्यक वस्तुओं की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। साथ ही, स्वच्छता और स्वास्थ्य सुविधाओं का भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है।

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अभी भी कुछ लोग बाढ़ क्षेत्रों में फंसे हुए हैं
जो लोग अभी भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में फंसे हुए हैं, उन तक राहत सामग्री पहुंचाने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। नावों और हेलीकॉप्टरों की मदद से दूरदराज के इलाकों में भी राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है। इस राहत सामग्री में खाद्य पदार्थ, पीने का पानी, कंबल, दवाइयाँ और अन्य आवश्यक वस्तुएं शामिल हैं।

मौसम विभाग का कहना- अधिक वर्षा होने की संभावना
स्थानीय प्रशासन लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए है और जरूरत पड़ने पर तत्काल कार्रवाई कर रहा है। मौसम विभाग की भविष्यवाणी के अनुसार आने वाले दिनों में और अधिक वर्षा की संभावना है, जिससे बाढ़ की स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।

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