उत्तर प्रदेश में भाजपा को 33 सीटें ही मिल पाई हैं। लेकिन इसमें सबसे दिलचस्प श्रावस्ती की सीट है। श्रावस्ती से इंडी गठबंधन के प्रत्याशी राम शिरोमणि वर्मा ने जीत दर्ज की है।
बसपा से निष्कासित, सपा ने जताया भरोसा : जानिए कौन हैं श्रावस्ती से चुनाव जीतने वाले राम शिरोमणि वर्मा
Jun 04, 2024 20:15
Jun 04, 2024 20:15
- समाजवादी पार्टी ने दिया था टिकट
- भाजपा के साकेत मिश्रा को हराया
- 2019 में 5 हजार के अंतर से जीते
कौन हैं राम शिरोमणि वर्मा?
राम शिरोमणि वर्मा विपक्ष के इंडी गठबंधन के प्रत्याशी थे। उन्हें समाजवादी पार्टी की तरफ से टिकट मिला था। वह इसके पहले बहुजन समाज पार्टी में थे। उन्हें 2019 के चुनाव में बसपा ने टिकट भी दिया था, जिस पर जीतकर वह सांसद बने थे। 2019 में बसपा और सपा का गठबंधन था। लेकिन 2024 के चुनाव से पहले मायावती ने पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप लगाते हुए राम शिरोमणि वर्मा को निष्कासित कर दिया था।
थाम लिया था सपा का दामन
बसपा से निष्कासन के बाद राम शिरोमणि वर्मा ने समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया था। 2024 में जब समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने गठबंधन किया, तो श्रावस्ती की सीट सपा के खाते में आई। क्षेत्र में अच्छी पकड़ होने के कारण सपा ने राम शिरोमणि वर्मा को ही अपना उम्मीदवार बनाया था। जानकार बताते हैं कि वर्मा लगातार अपने क्षेत्र में सक्रिय रहे। हर छोटे-बड़े आयोजनों में उनकी सहभागिता ने लोगों में अपना विश्वास कायम रखा था।
भाजपा के साकेत मिश्रा को हराया
राम शिरोमणि वर्मा ने भाजपा के साकेत मिश्रा को XYZ वोटों के अंतर से हराकर ये जीत दर्ज की है। साकेत मिश्र भाजपा का बड़ा चेहरा हैं। वह प्रधानमंत्री मोदी के पूर्व सचिव रहे नृपेंद्र मिश्र के बेटे हैं। नृपेंद्र मिश्र राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के चेयरमैन भी हैं। उन्हें पीएम मोदी का बेहद खास माना जाता है। साकेत मिश्र उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य भी हैं।
2019 में 5 हजार के अंतर से जीते
राम शिरोमणि वर्मा ने 2019 का चुनाव मात्र 5 हजार वोटों के अंतर से जीता था। तब उनके सामने भाजपा ने तत्कालीन सांसद दद्दन मिश्रा को उतारा था। दद्दन मिश्रा वहीं व्यक्ति थे, जिन्होंने 2014 में अतीक अहमद का परास्त किया था। श्रावस्ती में अच्छी लोकप्रियता होने के बावजूद दद्दन मिश्रा 2019 का चुनाव राम शिरोमणि वर्मा से हार गए थे।
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