देवरिया जिले के भलुअनी थाना क्षेत्र के पोखर भिंडा गांव में एक दुखद घटना सामने आई है। कक्षा 6 के 15 वर्षीय छात्र नितिन शर्मा ने कथित तौर पर ऑनलाइन गेम में पैसे हारने के कारण आत्महत्या कर ली...
ऑनलाइन गेम के चक्कर में छठी कक्षा के छात्र ने दी जान : ढाई लाख गंवाने के बाद तनाव में था, गेमिंग की लत ने कर दी जिंदगी बर्बाद
Oct 19, 2024 16:48
Oct 19, 2024 16:48
परिवार में मचा कोहराम, पुलिस ने किया पंचनामा
नितिन की मृत्यु की खबर से पूरे परिवार में कोहराम मच गया। जब मां और दादी बाजार से लौटीं, तो उन्होंने दरवाजा बंद पाया। आवाज देने पर जब कोई जवाब नहीं मिला, तो दरवाजा तोड़कर अंदर जाने पर सभी स्तब्ध रह गए। नितिन का शव देखकर मां बेहोश हो गईं और दादी का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने पंचनामा भरकर शव परिजनों को सौंप दिया। परिवार ने पोस्टमार्टम नहीं कराने का फैसला किया।
ऑनलाइन गेमिंग का बढ़ता खतरा
नितिन की कहानी ऑनलाइन गेमिंग के बढ़ते खतरे को उजागर करती है। कम उम्र में ही उसे मोबाइल पर ऑनलाइन गेम का चस्का लग गया था। सितंबर में उसे करीब चार लाख रुपये का फायदा हुआ था, जिससे वह काफी उत्साहित हो गया था। लेकिन इस बार भारी नुकसान होने से वह डिप्रेशन में चला गया। ग्रामीणों के अनुसार, नितिन तेज दिमाग का था, लेकिन गेम की लत ने उसकी जिंदगी बर्बाद कर दी। यह घटना बच्चों में बढ़ते मोबाइल और गेमिंग के चस्के पर चिंता जताती है।
परिवार की पृष्ठभूमि और नितिन की शिक्षा
नितिन के पिता अंगद शर्मा विदेश में रहते हैं, जबकि मां, भाई निखिल और नितिन गांव में रहते थे। निखिल लखनऊ में पढ़ाई कर रहा है। नितिन कक्षा 6 का छात्र था और पढ़ाई के साथ-साथ मोबाइल गेम में व्यस्त रहता था। उसकी अचानक मौत से पूरा गांव सदमे में है। लोगों का कहना है कि कम उम्र में इतने बड़े फायदे ने उसे और भी ज्यादा गेमिंग की ओर धकेल दिया। बेटे की मौत की खबर सुनकर पिता अंगद तुरंत विदेश से गांव के लिए रवाना हो गए हैं।
ऑनलाइन गेमिंग : समाज के लिए चेतावनी
नितिन की दुखद मौत समाज के लिए एक गंभीर चेतावनी है। यह घटना बताती है कि कैसे ऑनलाइन गेमिंग की लत युवाओं को अपनी चपेट में ले रही है। माता-पिता और शिक्षकों के लिए यह एक संकेत है कि वे बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों पर नजर रखें। साथ ही, यह सरकार और नीति निर्माताओं के लिए भी एक अलार्म है कि वे ऑनलाइन गेमिंग को विनियमित करने और युवाओं को इसके दुष्प्रभावों से बचाने के लिए ठोस कदम उठाएं।
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