हमें अपनी कार्यप्रणाली में सस्टेनबिलिटी लानी होगी। हम उन्हीं वस्तुओं का निर्माण करें जो आसानी से प्रकृति में घुल-मिल जाएं। आज हम सभी जो प्लास्टिक बिखेर रहे हैं वह घूम-फिरकर हमारे आहार में शामिल हो जा रहा है।
उद्यम प्रबंधन पर पुनर्विचार विषयक पर कार्यशाला : पूजा तेंदुलकर ने कहा - ऐसे करें उद्यम का विकास जिसमें प्रकृति का मिले साथ
Mar 12, 2024 19:54
Mar 12, 2024 19:54
- जागृति उद्यम केंद्र बरपार में 'उद्यम प्रबंधन पर पुनर्विचार' विषयक पर कार्यशाला का हुआ आयोजन
- कार्यशाला में पूर्वांचल के विभिन्न जिलों से उद्यमियों ने लिया हिस्सा
- लेमिनियन ग्रीन सोल्यूशंस की संस्थापक पूजा तेंदुलकर ने उद्यम प्रबंधन में सस्टेनिबिलिटी के बारे में दी जानकारी
उन्होंने कहा कि हरित उद्यम के तहत जागृति कार्यशाला का आयोजन कर उद्यमियों को जागरूक कर रही है। हमें अपनी कार्यप्रणाली में सस्टेनबिलिटी लानी होगी। हम उन्हीं वस्तुओं का निर्माण करें जो आसानी से प्रकृति में घुल-मिल जाएं। आज हम सभी जो प्लास्टिक बिखेर रहे हैं वह घूम-फिरकर हमारे आहार में शामिल हो जा रहा है। पोखरे-तालाब, नदियां सब प्लास्टिक के कारण दूषित हो रही हैं। उसमें पल रही मछलियां वही प्लास्टिक का अवशेष खा रही हैं और उन्हें हम खा रहे हैं। पशु भी प्लास्टिक निगल रहे हैं। इससे अन्य जीवों के अलावा मनुष्यों की सेहत पर भी बुरा असर पड़ रहा है। सस्टेनबिलिटी यानी पर्यावरण अनुकूल आचरण को हम एकाएक अपने जीवन में नहीं उतार सकते, लेकिन सतत प्रयासों के जरिए भविष्य को जरूर सुरक्षित बना सकते हैं। महाराष्ट्र, बेंगलुरू आदि जगहों पर उद्यमी सस्टेनबिलिटी की ओर बढ़ रहे हैं।
कार्यशाला में आए उद्यमियों कृष्णमोहन तिवारी, भीम प्रसाद, सूर्या मिश्रा, मानिक चतुर्वेदी आदि ने अपने-अपने उत्पादों को सस्टनेबल बनाने के बारे में सवाल किए। मेंटर पूजा ने सबके सवालों का उदाहरण सहित जवाब दिया। गुरुग्राम से आए उद्यमी अमित वर्मा ने कहा कि हमें अपने उत्पादों को पर्यावरण अनुकूल बनाने के साथ उपभोक्ताओं को भी जागरूक करना होगा। उन्हें बताना होगा कि हमारा यह उत्पाद पर्यावरण के अनुकूल है। हम अपने और आपके आने वाली पीढ़ी की चिंता कर रहे हैं। इसका असर लोगों पर जरूर पड़ेगा।
जागृति के सीओओ अनुराग दीक्षित ने कहा कि जागृति के संस्थापक शशांक मणि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच हरित उद्यम को आगे बढा रहे हैं। जिसके तहत 'उद्यम प्रबंधन पर पुनर्विचार' विषयक पर कार्यशाला का आयोजन किया गया है। उन्होंने कार्यशाला में आए उद्यमियों का आभार जताया और उनसे पर्यावरण अनुकूल व्यवसाय करने की अपील की। इस दौरान संस्था के इनक्यूवेशन मैनेजर विश्वास पांडेय, प्रोग्राम मैनेजर मनीष बजाज, आउटरीच मैनेजर राजीव राय, उद्यम कोर सहाना, सत्याशा, आनंद, अभिषेक, अजय आदि मौजूद रहे।
ऐसे करें पर्यावरण अनुकूल आचरण
मेंटर पूजा तेंदुलकर ने बताया कि पर्यावरण अनुकूल आचरण सिर्फ हमें अपने उद्यम में नहीं बल्कि हर प्रकार के व्यवहार में उतारना होगा। चप्पल से लेकर मोबाइल, लैपटॉप, टीवी, पंखे आदि तमाम वस्तुएं हैं जिन्हें हम खराब होने के बाद फेंक देते हैं। अगर उनकी मरम्मत कराकर इस्तेमाल में लाएं तो प्रकृति में कचरे का भार कम होगा। इसी प्रकार खराब बाल्टी का इस्तेमाल गमला बनाने में, खराब कपड़ों का इस्तेमाल झोला, डोर मैट, पोछा या अन्य चीजें बनाने में कर सकते हैं। इसी तरह हमें अन्य वस्तुओं के बारे में भी सोचना होगा।
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