गोरखपुर में युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज की 55वीं और राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी महाराज की 10वीं पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में आयोजित समसामयिक विषयों पर सम्मेलन का दूसरा दिन महत्वपूर्ण विचार-विमर्श का गवाह बना।
Gorakhpur News : ‘भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनने की ओर’ विषयक सम्मेलन में बोले अर्थशास्त्री-पुराना गौरव प्राप्त करने का लक्ष्य
Sep 17, 2024 01:42
Sep 17, 2024 01:42
प्रो. दूबे ने अपने वक्तव्य में दो हजार वर्षों के वैश्विक अर्थव्यवस्था के अध्ययन का हवाला देते हुए बताया कि पहली से अठारहवीं शताब्दी तक भारत का हिस्सा विश्व की संपदा में 35 प्रतिशत था। यह स्थिति औद्योगिक क्रांति के बाद अंग्रेजी शासन के कारण बदल गई, जब भारत की संपदा को बाहर भेजा गया। इसके बाद, स्वतंत्रता के बाद भी वामपंथी आर्थिक नीतियों के कारण देश की आर्थिक स्थिति में सुधार नहीं हो सका। 1970 तक भारत की वैश्विक संपदा में हिस्सेदारी घटकर 2.5 प्रतिशत रह गई।
आर्थिक नीतियों में बदलाव और सुधार
प्रो. दूबे ने कहा कि 1947 में जब भारत आजाद हुआ, तो यह दुनिया के सबसे गरीब देशों में गिना जाता था। हालांकि, अठारहवीं शताब्दी में भारत का एक सामान्य व्यक्ति ब्रिटेन के व्यक्ति से अधिक संपन्न था। स्वतंत्रता के बाद, देश में सोवियत संघ की तर्ज पर योजना आधारित अर्थव्यवस्था को अपनाया गया, जिससे गरीबी पर प्रभावी नियंत्रण नहीं हो सका। उन्होंने कहा कि 2014 से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ने प्रौद्योगिकी आधारित समावेशी आर्थिक नीतियों को अपनाया, जिससे देश की आर्थिक संपदा में वृद्धि हुई। 2023 तक भारत की गरीबी दर घटकर एक प्रतिशत से भी कम रह गई है, जो एक बड़ी उपलब्धि है।
उत्तर प्रदेश की भूमिका और योगी आदित्यनाथ की सराहना
प्रो. दूबे ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि राज्य में इंफ्रास्ट्रक्चर विकास और समावेशी विकास के प्रयासों से राज्य ने देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश देश की अर्थव्यवस्था को पुराना गौरव दिलाने में प्रमुख भूमिका निभा रहा है।
सम्मेलन में अन्य वक्ताओं का योगदान
सम्मेलन में दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्रो. हर्ष कुमार सिन्हा ने भी भारत की अर्थव्यवस्था और उसकी स्थिति पर विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि आज के समय में वही देश शक्तिशाली माना जाता है, जिसकी अर्थव्यवस्था मजबूत होती है, और भारत इस दिशा में तेजी से प्रगति कर रहा है। कार्यक्रम की अध्यक्षता गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ ने की। इस अवसर पर श्रीमद् जगद्गुरु अनंतानन्द द्वाराचार्य, स्वामी डॉ. रामकमल दास वेदांती, योगी विलासनाथ, महंत शिवनाथ सहित कई प्रतिष्ठित संत और महंत उपस्थित थे। सम्मेलन का संचालन माधवेंद्र राज ने किया और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. रामजन्म सिंह ने दिया।
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