गोरखपुर मंडल के मंडलायुक्त अनिल ढींगरा ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने सिंचाई विभाग के अधिकारियों और अन्य संबंधित विभागों के प्रतिनिधियों के साथ बाढ़ प्रभावित इलाकों का निरीक्षण किया।
उत्तर प्रदेश में बाढ़ का कहर : गोरखपुर, महराजगंज और आसपास के क्षेत्रों में जन-जीवन अस्त-व्यस्त
Jul 13, 2024 12:44
Jul 13, 2024 12:44
मंडलायुक्त ने तटबंधों की स्थिति का जायजा लिया
गोरखपुर मंडल के मंडलायुक्त अनिल ढींगरा ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने सिंचाई विभाग के अधिकारियों और अन्य संबंधित विभागों के प्रतिनिधियों के साथ बाढ़ प्रभावित इलाकों का निरीक्षण किया। मंडलायुक्त ने नदियों के किनारे बने तटबंधों की स्थिति का जायजा लिया और बाढ़ पीड़ितों के लिए की जा रही राहत कार्यों की समीक्षा की।
उन्होंने अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए कि बाढ़ पीड़ितों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। उन्होंने कहा कि शासन के निर्देशानुसार सभी पीड़ितों को तत्काल सहायता प्रदान की जाए। मंडलायुक्त ने विशेष रूप से बाढ़ पीड़ितों के लिए सुरक्षित स्थानों पर आश्रय की व्यवस्था, भोजन और पीने के पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर जोर दिया।
बाढ़ का संकट गहराया
गोरखपुर जिले में स्थिति विशेष रूप से चिंताजनक है। राप्ती नदी ने खतरे के निशान को पार कर लिया है, जबकि सरयू नदी पहले ही खतरे के स्तर से ऊपर बह रही है। इसके अलावा, कुआनों और रोहिन नदियों का जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है। इन नदियों के उफान के कारण कई गांव जलमग्न हो गए हैं।
सदर तहसील के कई गांव जैसे बहरामपुर उत्तरी व दक्षिणी, डोमिनगढ़ दिग्विजयनगर, डिहवा, शेरगढ़, नहरपुर, सहजनवां का गहिरा और गोला के ज्ञानकोल में बाढ़ का पानी घुस गया है। इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जा रहा है।
उफान पर आमी नदी, बाढ़ के पानी में डूबा स्कूल
बांसगांव के खजनी तहसील क्षेत्र में स्थिति और भी गंभीर है। यहां के जरलही गांव में स्थित एक सरकारी परिषदीय स्कूल आमी नदी के बाढ़ के पानी में डूब गया है। स्कूल में लगभग दो फीट तक पानी भर गया है, जिसके कारण शैक्षणिक गतिविधियां पूरी तरह से ठप हो गई हैं। अधिकारियों ने बताया कि छात्रों की पढ़ाई न रुके, इसलिए उन्हें अस्थायी रूप से गांव के पंचायत भवन में पढ़ाया जा रहा है।
महराजगंज में भी बाढ़ का कहर
महराजगंज जिले में भी बाढ़ का कहर जारी है। नेपाल के पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही मानसूनी बारिश और नेपाल द्वारा नारायणी नदी में अतिरिक्त पानी छोड़े जाने से स्थिति और बिगड़ गई है। नेपाल की ओर से लगभग 4 लाख 40 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिसके परिणामस्वरूप सोहगीबरवा सहित कई गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। इसके अलावा, सैकड़ों एकड़ कृषि भूमि जलमग्न हो गई है, जिससे किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।
जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने दौरा किया
महराजगंज के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने ट्रैक्टर पर सवार होकर झूलनीपुर बैराज और सोहगीबरवा क्षेत्र का निरीक्षण किया और वहां के हालात का जायजा लिया। उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को सतर्क रहने और आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए।
राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन बाढ़ से निपटने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य कर रहे हैं। राहत शिविरों की स्थापना, बचाव अभियान का संचालन और प्रभावित लोगों को भोजन व आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। हालांकि, मौसम विभाग द्वारा अगले कुछ दिनों में और अधिक वर्षा की भविष्यवाणी की गई है, जो स्थिति को और अधिक चुनौतीपूर्ण बना सकती है।
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