गोरखनाथ मंदिर : विजयादशमी पर निकाली पारंपरिक शोभायात्रा, योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उमड़ा जनसमूह

 विजयादशमी पर निकाली पारंपरिक शोभायात्रा, योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उमड़ा जनसमूह
UPT | गोरखनाथ मंदिर से निकाली गई शोभायात्रा में शामिल लोग।

Oct 12, 2024 20:15

विजयादशमी के पावन पर्व पर गोरखनाथ मंदिर से निकली पारंपरिक विजयादशमी शोभायात्रा ने पूरे गोरखपुर को श्रद्धा और उत्साह से सराबोर कर दिया। गोरक्षपीठाधीश्वर एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में निकली इस भव्य शोभायात्रा में आस्था के साथ-साथ सामाजिक समरसता की झलक भी दिखाई दी।

Oct 12, 2024 20:15

Gorakhpur News : विजयादशमी के पावन पर्व पर गोरखनाथ मंदिर से निकली पारंपरिक विजयादशमी शोभायात्रा ने पूरे गोरखपुर को श्रद्धा और उत्साह से सराबोर कर दिया। गोरक्षपीठाधीश्वर एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में निकली इस भव्य शोभायात्रा में आस्था के साथ-साथ सामाजिक समरसता की झलक भी दिखाई दी। शोभायात्रा के दौरान रास्ते भर श्रद्धालुओं ने फूल बरसाकर गोरक्षपीठाधीश्वर का स्वागत किया, और हर जगह समर्पण और भक्ति का माहौल देखा गया। इस शोभायात्रा का खास पहलू यह रहा कि इसे अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने भी पूरी भावनाओं के साथ अपनाया और जोरदार स्वागत किया।

गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ का उत्साहपूर्ण स्वागत
गोरखनाथ मंदिर से निकलने वाली यह पारंपरिक शोभायात्रा सदियों पुरानी परंपरा का हिस्सा है, जो न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक ताने-बाने को भी मजबूत करती है। इस साल, शोभायात्रा के दौरान विशेष रूप से आकर्षक दृश्य तब देखने को मिला, जब अल्पसंख्यक समुदाय, जिसमें मुख्य रूप से बुनकर और मुस्लिम समाज के लोग शामिल थे, ने योगी आदित्यनाथ का गर्मजोशी से स्वागत किया। यह स्वागत किसी धार्मिक विभाजन को पीछे छोड़ते हुए आपसी सौहार्द और समरसता का प्रतीक बना।

शोभायात्रा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पारंपरिक महंत के परिधान में सजे हुए थे और नए सजे हुए रथ पर सवार थे। जैसे ही रथ मुस्लिम बहुल इलाकों से गुजरा, वहां के लोगों ने फूलों की वर्षा करके शोभायात्रा का भव्य स्वागत किया। उर्दू अकादमी के निवर्तमान चेयरमैन चौधरी कैफुलवरा ने अपनी ओर से गोरक्षपीठाधीश्वर को केसरिया अंगवस्त्र और फूलों की माला पहनाई। उन्होंने बताया कि उनका परिवार पीढ़ियों से इस शोभायात्रा का स्वागत करता आ रहा है। चौधरी कैफुलवरा के साथ अन्य मुस्लिम समुदाय के लोग भी इस स्वागत समारोह में शामिल हुए और योगी आदित्यनाथ से आशीर्वाद प्राप्त किया।

अल्पसंख्यक समाज का भावपूर्ण सहयोग
शोभायात्रा के दौरान अल्पसंख्यक समाज के लोगों ने न केवल श्रद्धा के साथ स्वागत किया बल्कि गोरक्षपीठ से जुड़े नवरात्र अनुष्ठान का प्रसाद भी ग्रहण किया। यह घटना योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में धार्मिक समरसता का एक सुंदर उदाहरण बनी। मुस्लिम महिलाओं और बच्चों ने अपने स्मार्टफोन से शोभायात्रा की तस्वीरें और वीडियो भी बनाए, जो उनके उत्साह को दर्शाता है। चौधरी कैफुलवरा ने कहा कि गोरक्षपीठ हर व्यक्ति को धर्म, जाति से ऊपर उठकर मानवीय दृष्टिकोण से देखता है, और यही पीठ की सबसे बड़ी विशेषता है।

सिंधी समाज ने भी किया भव्य स्वागत
अल्पसंख्यक समुदाय के बाद सिंधी समाज ने भी गोरक्षपीठाधीश्वर का पूरे दिल से स्वागत किया। नवनिर्मित श्री झूलेलाल मंदिर के समीप सिंधी समाज के लोग बड़ी संख्या में एकत्र हुए और हाथ जोड़कर योगी आदित्यनाथ और शोभायात्रा का अभिनंदन किया। शोभायात्रा जब मानसरोवर मंदिर के पास पहुंची, तब तक पूरे रास्ते में इसी प्रकार स्वागत का सिलसिला चलता रहा। समाज के विभिन्न वर्गों द्वारा किए गए स्वागत ने न केवल सामाजिक एकता को बल दिया बल्कि धार्मिक समरसता का भी अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत किया।

मानसरोवर मंदिर में की पूजा-अर्चना
शोभायात्रा का अंतिम पड़ाव मानसरोवर मंदिर था, जहां योगी आदित्यनाथ ने महादेव और अन्य देवताओं की पूजा-अर्चना की। वेद मंत्रों के बीच महादेव का अभिषेक किया गया। इसके बाद सीएम योगी ने रामलीला मैदान में पहुंचकर प्रभु श्रीराम का राजतिलक किया और माता जानकी, लक्ष्मण और हनुमान जी की पूजा कर आरती भी उतारी। इस धार्मिक आयोजन ने शोभायात्रा को एक नया आयाम दिया और विजयादशमी के इस पर्व को और भी भव्य बना दिया।

लोक कलाकारों की जीवंत प्रस्तुतियां
गोरखनाथ मंदिर से निकली शोभायात्रा में लोक कलाकारों के दलों ने अपनी विशेष प्रस्तुतियों से स्वागत किया। मथुरा के मयूर नृत्य, वाराणसी के डमरू वादन और आजमगढ़ के धोबिया नृत्य जैसे लोक नृत्य इस शोभायात्रा की शोभा बढ़ाने में मुख्य भूमिका निभाई। इन कलाकारों ने विभिन्न स्थानों पर अपनी प्रस्तुतियों से उत्तर प्रदेश की समृद्ध लोक संस्कृति को जीवंत कर दिया। कलाकारों की प्रस्तुतियों ने शोभायात्रा को न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी समृद्ध बनाया।

सामाजिक समरसता का संदेश
गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ की इस शोभायात्रा ने न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक बनी, बल्कि सामाजिक समरसता का संदेश भी दिया। विभिन्न समुदायों द्वारा किए गए स्वागत ने यह साबित किया कि धर्म और जाति से ऊपर उठकर हम सभी एकता और सौहार्द के धागे में बंधे हुए हैं। यह शोभायात्रा सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं थी, बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों के बीच आपसी समझ और सद्भावना को मजबूत करने का एक प्रयास भी थी।

शोभायात्रा के माध्यम से योगी आदित्यनाथ ने समाज में सद्भाव और एकता का संदेश दिया और विजयादशमी के इस पर्व को सामाजिक समरसता के प्रतीक के रूप में प्रस्तुत किया। 

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