हैलो! मैं तुम्हारा जीजा बोल रहा हूं : गोरखपुर में साइबर धोखाधड़ी की कोशिश नाकाम, फ्रॉड नहीं कर पाया तो भड़क गया स्कैमर

गोरखपुर में साइबर धोखाधड़ी की कोशिश नाकाम, फ्रॉड नहीं कर पाया तो भड़क गया स्कैमर
UPT | गोरखपुर में साइबर धोखाधड़ी की कोशिश नाकाम

Aug 09, 2024 15:33

गोरखपुर में साइबर फ्रॉड की कोशिश युवक ने नाकाम कर दी। जब साइबर स्कैमर उससे पैसे नहीं लूट पाया, तो झुंझलाने लगा। लेकिन थोड़ी-सी सूझबूझ दिखाकर युवक ने अपने लाखों रुपये साफ होने से बचा लिए।

Aug 09, 2024 15:33

Short Highlights
  • जीजा बनकर स्कैमर ने मांगी मदद
  • सूझ-बूझ दिखाकर फ्रॉड से बचे
  • मौका चूकने पर झुंझलाया स्कैमर
Gorakhpur News : गोरखपुर में साइबर फ्रॉड की कोशिश युवक ने नाकाम कर दी। जब साइबर स्कैमर उससे पैसे नहीं लूट पाया, तो झुंझलाने लगा। लेकिन थोड़ी-सी सूझबूझ दिखाकर युवक ने अपने लाखों रुपये साफ होने से बचा लिए। आपको बता दें कि गोरखपुर में आए दिन साइबर धोखाधड़ी के नए-नए मामले सामने आ रहे हैं। ताजा मामला गोरखपुर के पादरी बाजार इलाके का है।

जीजा बनकर स्कैमर ने मांगी मदद
दरअसल पादरी बाजार इलाके में राजेश नामक युवक की कपड़ों की दुकान है। उनके पास एक अनजान नंबर से फोन आया। कॉल करने वाले शख्स ने अपना परिचय देते हुए कहा कि वह उसका जीजा बोल रहा है। युवक ने उत्तर प्रदेश टाइम्स से बातचीत में बताया कि स्कैमर ने पहले तो उनसे जीजा बनकर हाल-चाल पूछा और घर-परिवार की बात कर उन्हें झांसे में लेने का प्रयास किया। इसके बाद उसने कहा कि उसे एक मदद चाहिए। इस पर राजेश को पहले शक हुआ, लेकिन उन्होंने सोचा कि कहीं मना करने पर जीजा नाराज न हो जाएं, इसलिए उन्होंने हामी भर दी।

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कॉल करने वाले पर हुआ शक
इसके बाद स्कैमर ने कहा कि उसे अपने दोस्त से कुछ पैसे लेने हैं। लेकिन उसके अकाउंट में कुछ दिक्कत आ रही है। क्या वह अपने (राजेश के) अकाउंट में वह पैसे ट्रांसफर करवा लेगा। इस पर राजेश ने कहा कि उन्हें कोई दिक्कत नहीं है। तब स्कैमर ने राजेश से कहा कि वह अपना बैलेंस चेक करके बता दे, ताकि मालूम रहे कि कितने पैसे आए हैं। यहीं पर राजेश का शक और गहरा हुआ। इसलिए उन्होंने अकाउंट चेक करने के बाद गलत बैलेंस बताया और कहा कि उनके पास केवल 6 हजार रुपये हैं।

सूझ-बूझ दिखाकर फ्रॉड से बचे
इस पर जीजा बने स्कैमर ने कहा कि ठीक है, क्योंकि पैसे मशीन से डाले जाने हैं और अमाउंट काफी बड़ा है, इसलिए पहले तुम्हारे पास 1 रुपये के पेमेंट की रिक्वेस्ट आएगी, उस पर पेमेंट कर देना, जिससे हम कन्फर्म कर सकेंगे कि पैसे गलत जगह नहीं चले जाएं। यहीं पर राजेश को अहसास हो गया कि वह किसी बड़े साइबर स्कैम का शिकार होने वाले हैं। स्कैमर ने उनके गूगल पे अकाउंट पर अडानी डिजिटल लैब प्राइवेट लिमिटेड के नाम से 1 रुपये का पेमेंट करने के लिए रिक्वेस्ट भेजी। राझेश ने तुरंत सूझ-बूझ दिखाते हुए कहा कि अगर पैसे मेरे अकाउंट में डाले जाने हैं, तो मुझसे 1 रुपये की पेमेंट क्यों करवा रहे हैं? इस पर स्कैमर ने उन्हें फिर से झांसे में लेने की कोशिश की और कहा कि इतना बड़ा अमाउंट अगर दूसरी जगह गलती से चला गया तो दिक्कत हो जाएगी।

मौका चूकने पर झुंझलाया स्कैमर
स्कैमर की कई कोशिशों के बाद भी राजेश झांसे में नहीं आए और कहा कि मुझे नहीं करनी कोई पेमेंट। यह कहकर उन्होंने फोन काट दिया। मौका चूकते देख स्कैमर झुंझला गया। उसने दोबारा कॉल मिलाया और गुस्से में कहा कि 'एप पर दिख रही 1 रुपये की पेमेंट कर दो। यहां मैं जरूरी काम कर रहा हूं, तुरंत पैसे थोड़ी चल जाएंगे। तुम पेमेंट करो। मशीन से पैसे डालने में इतना काम करना पड़ता है।' हालांकि राजेश ने कहा कि 'मैं अभी कुछ नहीं करूंगा। किसी और से करवा लीजिए।' आपको बता दें कि अगर राजेश ने पेमेंट कर दिया होता, तो स्कैमर के पास उनके अकाउंट का एक्सेस आ जाता और उनके खाते से लाखों रुपये एक झटके में साफ हो जाते।

क्राइम ब्रांच का अफसर बन 3 लाख का लगाया चूना
जो सूझ-बूझ राजेश ने दिखाई, ऐसा हर कोई नहीं कर पाता। गोरखपुर के ही रामगढ़ ताल क्षेत्र के सिद्धार्थ एंक्लेव निवासी विजयेंद्र कुमार पांडे स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी पर से रिटायर हुए हैं। 1 जुलाई को उनके पास एक फोन आया। कॉल करने वाले ने कहा कि वह स्टेट बैंक का अधिकारी है और विजयेंद्र के क्रेडिट कार्ड पर 1 लाख 96 हजार रुपये बकाया हैं, जिसके रिकवरी के लिए क्राइम ब्रांच के अधिकारी जा रहे हैं। स्कैमर ने उन्हें एक महिला का नंबर देकर उनसे बात करने को कहा। बुजुर्ग ने जब महिला को फोन लगाया तो उसने खुद को क्राइम ब्रांच का अफसर बताकर कहा कि उनके क्रेडिट कार्ड का उपयोग मनी लॉन्ड्रिंग में हुआ है। इस तरह डरा-धमकाकर महिला ने उन्हें करीब 4 दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा और 30 लाख रुपये का चूना लगा दिया।

कैसे करें इन अपराधियों का सामना?
यहां एक बात आपको स्षष्ट रूप से समझ लेनी जरूरी है कि साइबर फ्रॉड के लिए अगर आपके पास किसी का फोन आता है, तो कॉल करने वाला अपराधी पहले से ही आपके बारे में जरूरी जानकारी जुटाए रखता है, ताकि आपको गुमराह किया जा सके। ऐसे में आपको ये बात गांठ बांध लेनी है कि कुछ भी हो जाए, पर आपको घबराना नहीं है। दुनिया में किसी भी देश की पुलिस या कोई भी एजेंसी के पास ये अधिकार नहीं है कि वह आपको वीडियो कॉल पर या डिजिटली अरेस्ट कर सके। किसी भी देश में ऐसा कोई कानून नहीं है। दूसरी बात ये कि आजकल AI की मदद से ऐसी कई तस्वीरें, वीडियो या आवाज बनाए जा सकते हैं, जो आपके घर-परिवार, दोस्त-रिश्तेदार जैसे हूबहू दिखेंगे। इसलिए अगर कभी भी आपके पास कोई ऐसा फोन-कॉल आए, जिसमें आपके खिलाफ किसी तरह की आपराधिक केस दर्ज करने की बात कही जाए, या आपके परिवार के किसी सदस्य के गिरफ्तार होने की बात कही जाए, या किसी भी रूप में आपसे पैसे की डिमांड की जाए तो उस कॉल पर कतई भरोसा न करें, भले ही वह आपको बदले में कितने भी सबूत दिखा दे। ऐसे कॉल को तुरंत काट दें और नंबर को ब्लॉक कर दें। अगर संभव हो तो अपने नजदीकी साइबर थाने में इसके खिलाफ शिकायत भी दर्ज करवा दें। याद रखें, देश-दुनिया की कोई भी पुलिस आपको कभी भी फोन पर केस की जांच करने को नहीं कहेगी।

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