उत्तर प्रदेश के नगर निगम ने संपत्ति कर के बड़े बकाएदारों के खिलाफ अब सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है। नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल के निर्देश पर 2516 बड़े बकाएदारों की सूची तैयार...
गोरखपुर नगर निगम की सख्ती : बकाएदारों पर कसेगा शिकंजा, 2500 से अधिक खाते होंगे सीज
Nov 15, 2024 12:04
Nov 15, 2024 12:04
नोटिस जारी करने की प्रक्रिया शुरू
नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में सभी करदाताओं को संपत्ति कर के बिल भेजे जा चुके हैं और 30 सितंबर तक उन्हें भुगतान में छूट भी दी गई थी। इसके बावजूद कई बकाएदारों ने अब तक भुगतान नहीं किया है। नगर निगम ने यह निर्णय लिया है कि अब इन बकाएदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि शहर में अब तक संपत्ति कर के बिल भेजने, बकाएदारों से संपर्क करने और शिविर आयोजित करने के बावजूद कुछ करदाता भुगतान में लापरवाही बरत रहे हैं। इसलिए बकाएदारों की एक सूची तैयार की गई है। जिसमें 2516 बड़े बकाएदारों के नाम शामिल हैं। इन बकाएदारों को जल्द ही नोटिस भेजे जाएंगे और उन्हें 15 दिनों के भीतर बकाया राशि जमा करने की चेतावनी दी जाएगी। अगर इस अवधि में भुगतान नहीं किया जाता है तो संबंधित बकाएदारों के बैंक खाते सीज कर दिए जाएंगे।
राजकीय संपत्तियों को भी किया गया चिह्नित
नगर आयुक्त ने बताया कि सूची में सिर्फ निजी संपत्तियां ही नहीं बल्कि राजकीय संपत्तियां भी शामिल हैं। नगर निगम ने आदेश दिए हैं कि राजकीय संपत्तियों से संबंधित मामलों के लिए अलग पत्रावली तैयार की जाए। इस संबंध में सभी जोनल अधिकारियों को भी निर्देशित किया गया है कि वे अपने क्षेत्र के बकाएदारों की सूची तैयार करें और सुनिश्चित करें कि कोई गलती न हो। यदि किसी व्यक्ति ने पहले ही बकाया भुगतान कर दिया हो और किसी कारणवश वह सूची में शामिल हो गया हो तो उसकी जानकारी अपडेट की जाए।
सख्त कार्रवाई की दिशा में समीक्षा और निगरानी
नगर आयुक्त ने अपर नगर आयुक्त और मुख्य कर निर्धारण अधिकारी को निर्देश दिया है कि वे प्रतिदिन इस कार्रवाई की समीक्षा करें और सुनिश्चित करें कि सभी बकाएदारों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई हो। इसके तहत बकाएदारों के खातों को सीज करने और संपत्ति कर के भुगतान को सुनिश्चित करने के लिए कड़ी निगरानी रखी जाएगी।
बकाएदारों के लिए कड़ी चेतावनी
नगर निगम की यह कड़ी कार्रवाई बकाएदारों को यह संदेश देने के लिए है कि अब कोई भी लापरवाही नहीं बर्दाश्त की जाएगी। शहर में बढ़ते संपत्ति कर के बकायों के चलते नगर निगम की वित्तीय स्थिति पर असर पड़ रहा था और यही वजह है कि अब सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। नगर निगम ने बकाएदारों को अंतिम चेतावनी दी है कि वे अपनी बकाया राशि को शीघ्र जमा करें वरना उन्हें बैंक खाते सीज होने की स्थिति का सामना करना पड़ेगा। इस कार्रवाई से नगर निगम को संपत्ति कर की वसूली में बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है और साथ ही नगर निगम के वित्तीय संसाधनों में सुधार होगा।