मुख्यमंत्री ने कहा कि गोरखपुर ऐतिहासिक और पौराणिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह महायोगी गुरु गोरखनाथ की साधना स्थली है और गीता प्रेस के माध्यम से सनातन साहित्य का प्रकाशन केंद्र भी है। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान, 1857 की पहली क्रांति में...
सैनिक स्कूल का उद्घाटन : सीएम ने किया धनखड़ का स्वागत, तीन साल में पूरा हुआ सपना, जानिए इसकी विशेषताएं
Sep 07, 2024 18:46
Sep 07, 2024 18:46
सैनिक स्कूल के लोकार्पण पर की ऐतिहासिक चर्चा
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोरखपुर ऐतिहासिक और पौराणिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह महायोगी गुरु गोरखनाथ की साधना स्थली है और गीता प्रेस के माध्यम से सनातन साहित्य का प्रकाशन केंद्र भी है। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान, 1857 की पहली क्रांति में शहीद बंधु सिंह के नेतृत्व में गोरखपुर ने ब्रिटिश शासन को चुनौती दी थी। 1922 में चौरीचौरा की ऐतिहासिक घटना ने स्वतंत्रता संघर्ष को नई दिशा दी। मुख्यमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि गोरखपुर प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध है और इसके आसपास महात्मा बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर, बुद्ध की जन्मभूमि लुम्बिनी, संत कबीर की परिनिर्वाण स्थली मगहर, प्रभु राम की जन्मभूमि अयोध्या, और बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी स्थित हैं।
खाद कारखाना परिसर अब कृषि और रोजगार का केंद्रदेश के पहले CDS जनरल बिपिन रावत जी के नाम पर सैनिक स्कूल, गोरखपुर में ऑडिटोरियम का निर्माण कार्य भी संपन्न हुआ है... pic.twitter.com/9BaTbY0ZXh
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) September 7, 2024
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जहां आज सैनिक स्कूल स्थित है, वह क्षेत्र पहले एक बंद खाद कारखाना था। अब इसका पुनरुद्धार होने के बाद यह कृषि उत्पादकता बढ़ाने, कृषि लागत घटाने और नए रोजगार के अवसर प्रदान करने का केंद्र बन गया है। उन्होंने बताया कि गोरखपुर में एम्स और बीआरडी मेडिकल कॉलेज की वजह से स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार आ रहा है और दोनों संस्थान प्रतिदिन नई उपलब्धियां दर्ज कर रहे हैं। चीनी मिलों द्वारा गन्ना किसानों को बेहतरीन लाभ मिल रहा है। इसके अलावा, अत्याधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर, ऐक्सप्रेसवे, सिक्सलेन और फोरलेन का निर्माण गोरखपुर और उत्तर प्रदेश की पहचान को नए आयाम दे रहा है।
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तीन वर्ष में बनकर तैयार हुआ सैनिक स्कूल
सीएम योगी ने कहा कि गोरखपुर का सैनिक स्कूल, जो तीन साल की छोटी अवधि में पूरा हुआ है, भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक महत्वपूर्ण संस्थान होगा। इस स्कूल की लागत 176 करोड़ रुपये है और यह पूर्वी उत्तर प्रदेश का पहला सैनिक स्कूल है। इसमें कक्षा 6 से 12 तक के छात्रों को आवासीय शिक्षा दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह स्कूल जीवन के कर्तव्यों की शिक्षा देने में सहायक साबित होगा और यहां से निकले विद्यार्थी राष्ट्र निर्माण और एक विकसित भारत की दिशा में मार्ग प्रशस्त करेंगे।
गोरखपुर के सैनिक स्कूल की प्रमुख विशेषताएं :
- सीडीएस जनरल विपिन रावत के नाम पर ऑडिटोरियम: सैनिक स्कूल में देश के पहले सीडीएस जनरल विपिन रावत के नाम पर एक ऑडिटोरियम का निर्माण किया गया है।
- कारगिल में शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा के नाम पर मल्टीपरपज हॉल: मल्टीपरपज हॉल के साथ एकलव्य शूटिंग रेंज और तरणताल की सुविधा भी उपलब्ध है।
- प्राचीन भारतीय संस्कृति पर आधारित प्रशासनिक भवन: इस भवन में 20 कक्षाएं, 4 प्रयोगशालाएं, डायनिंग हॉल, बहुउद्देशीय हॉल और कान्फ्रेंस हॉल शामिल हैं।
- ऑडिटोरियम की क्षमता: 1014 सीटों के साथ, इसमें ध्यान केंद्र हेतु योग सेंटर, इण्डोर शूटिंग रेंज, स्विमिंग पूल और सीएसडी कैन्टीन की सुविधाएं हैं।
- शहीदों और वीरांगनाओं के नाम पर आवासीय सदन: शहीद भगत सिंह, पं. राम प्रसाद बिस्मिल, शहीद बन्धु सिंह, और वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई के नाम पर आवासीय सदन बनाए गए हैं।
- अन्नपूर्णा भवन में भोजन व्यवस्था: छात्रों के लिए स्वच्छ और स्वास्थ्यवर्धक विशेष भोजन की व्यवस्था की जाएगी।
- खेलकूद की सुविधाएं: बास्केटबॉल कोर्ट, वॉलीबॉल कोर्ट, फुटबॉल ग्राउंड, टेनिस कोर्ट, और बैडमिंटन कोर्ट की सुविधाएं उपलब्ध हैं।
सीएम योगी ने कहा कि राज्य सरकार नई पीढ़ी को उत्तम शिक्षा प्रदान करने के लिए भरपूर प्रयास कर रही है। उन्होंने जानकारी दी कि प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग के तहत 1,56,000 से अधिक स्कूलों को जनसहभागिता और ऑपरेशन कायाकल्प के माध्यम से पूरी तरह से सुविधायुक्त किया जा रहा है। इनमें से 1,34,000 स्कूलों में यह कार्य पूरा हो चुका है। प्रदेश के सभी 18 मंडल मुख्यालयों पर पिछले सत्र से अटल आवसीय विद्यालय संचालित हो रहे हैं, और बाकी 57 जिलों में डे केयर स्कूल खोले जाएंगे। उन्होंने कहा कि पीएमश्री योजना के तहत बेसिक और माध्यमिक शिक्षा के 1,707 विद्यालयों को अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित करने का कार्य जारी है।
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