Gorakhpur News : खबर गोरखपुर से है जहां जनपद में महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय का इंफ्रास्ट्रक्चर, यहां की शैक्षिक गुणवत्ता और परिसर संस्कृति किसी भी शिक्षण संस्थान के लिए अनुकरणीय है। स्थापना के मात्र तीन सालों में ही यह विश्वविद्यालय उच्च और रोजगारपरक शिक्षा के क्षेत्र में रोल मॉडल बनने की तरफ अग्रसर है।
यह बातें उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव एमपी अग्रवाल ने शुक्रवार को महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय, आरोग्यधाम बालापार गोरखपुर के भ्रमण-निरीक्षण के दौरान कही। पूरे विश्वविद्यालय परिसर और यहां की अवस्थापना सुविधाओं, शिक्षण पद्धति आदि का अवलोकन करने के बाद श्री अग्रवाल काफी खुश दिखे। उन्होंने कहा कि किसी भी उच्च शिक्षण संस्थान के लिए यह विश्वविद्यालय मानक बन सकता है। प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा ने भारत सरकार के पूर्व औषधि महानियंत्रक डॉ. जीएन सिंह, क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी डॉ. अश्वनी मिश्रा, विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ. अतुल वाजपेयी और कुलसचिव डॉ. प्रदीप कुमार राव के साथ आयुर्वेद कॉलेज, नर्सिंग संकाय, पैरामेडिकल संकाय, संबद्ध स्वास्थ्य विज्ञान संकाय, फार्मेसी संकाय, कृषि संकाय आदि का निरीक्षण किया। सभी संकायों के इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ ही उन्होंने यहां शिक्षण पद्धति को भी बारीकी से समझा।
कक्षाओं के संचलन को लेकर की गई तैयारियों को भी परखा
विश्वविद्यालय में इसी सत्र से एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए नीट काउंसिलिंग से प्रवेश लिए गए हैं। प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा ने एमबीबीएस की कक्षाओं के संचलन को लेकर की गई तैयारियों को भी परखा और अबतक की व्यवस्थाओं को उत्कृष्ट बताया। उन्होंने कहा कि स्थापना के इतने कम समय में मॉडर्न मेडिकल, आयुर्वेद, नर्सिंग, पैरामेडिकल, फार्मेसी आदि विधाओं के शिक्षण के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, मान्यता प्राप्त करना और बिना किसी सीट के रिक्त रहे पढ़ाई एक असाधारण उपलब्धि है।
शोध-अनुसंधान और नवाचार को आगे बढ़ाने...
प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा के निरीक्षण के दौरान विश्वविद्यालय के कुलपति ने उन्हें बताया कि इस विश्वविद्यालय का जोर रोजगारपरक शिक्षा के नए आयामों से जुड़ने, शोध-अनुसंधान और नवाचार को आगे बढ़ाने पर है। इस अवसर पर कुलसचिव डॉ. प्रदीप कुमार राव ने प्रमुख सचिव श्री अग्रवाल को बताया कि स्थापना के पहले से साल से इस विश्वविद्यालय ने शोध-अनुसंधान, नवाचार के साथ आत्मनिर्भरतापरक स्टार्टअप के लिए देश की कई ख्यातिलब्ध शिक्षण, चिकित्सकीय संस्थानों, अनुसंधान परिषदों, उद्योग समूहों से एमओयू किया है। उन्होंने बताया कि इस विश्वविद्यालय में जिन भी पाठ्यक्रमों का संचालन है, वे सभी पूर्ण क्षमता से संचालित हैं। डॉ. राव ने प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा को विश्वविद्यालय की परिसर संस्कृति, कार्य प्रबंधन में छात्र सहभागिता, सामाजिक सरोकारों और भावी कार्ययोजना के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी।
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