गोरखपुर के कोतवाली थाना क्षेत्र के मुफ्तीपुर मोहल्ले में नवजात के शव को कूड़ेदान में फेंकने का मामला सामने आया है। घटना की सीसीटीवी फुटेज में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि रात के समय सफेद कपड़े में लिपटे नवजात का शव नल के पास रखा गया।
गोरखपुर में मानवता शर्मसार : बीच सड़क कोई रख गया नवजात का शव, कुत्ते नोचते रहे, सफाईकर्मी ने कूड़ेदान में फेंका
Aug 08, 2024 14:43
Aug 08, 2024 14:43
- रात में कोई रख गया नवजात का शव
- सफाई कर्मी ने डस्टबिन में फेंका
- पुलिस तहकीकात में जुटी
सफाई कर्मी ने कूड़ेदान में फेंका
स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची। सीसीटीवी रिकॉर्डिंग में सुबह 5:26 बजे नगर निगम के सफाई कर्मी को देखा जा सकता है, जो बेलचे के साथ कूड़े की गाड़ी से उतरता है। वह ट्रांसफॉर्मर के पास सफेद कपड़े में लिपटे शव को कूड़ेदान में फेंकता है और फिर चला जाता है। एक राहगीर ने भी इस संदिग्ध गतिविधि को देखा लेकिन आगे बढ़ गया। स्थानीय लोगों के अनुसार, नवजात शव को रात के समय इस खाली जगह पर रखा गया होगा। रात में बिजली गुल थी, जिससे शव को छिपाने का फायदा उठाया गया। दिन के समय अगर शव रखा जाता, तो कुत्ते या किसी अन्य व्यक्ति की नजर इस पर पड़ जाती। सफाई कर्मी के द्वारा सुबह इसे कूड़ेदान में फेंकने के बाद कपड़ा खुल गया और कुत्ते शव को नोचने लगे।
पुलिस ने दर्ज किया केस
स्थानीय लोगों का कहना है कि सफाई कर्मी को सफेद कपड़े में लिपटे शव की पूरी जानकारी रही होगी। अगर पुलिस सीसीटीवी फुटेज के आधार पर सफाई कर्मी से सख्ती से पूछताछ करे, तो पूरा मामला स्पष्ट हो सकता है। पुलिस को चाहिए कि वे सफाई कर्मी से पूछताछ करके मामले की तहकीकात करें। कोतवाली पुलिस ने शव मिलने के बाद बीएनएस 94 के तहत अज्ञात पर केस दर्ज किया है। बीएनएस 94 भारतीय दंड संहिता की धारा 318 के तहत नवजात को गोपनीय तरीके से फेंकने को अपराध मानता है। इस मामले में माता-पिता पर भी बीएनएस धारा 91 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी, जो कि आवश्यक है।
कुत्ते नोच रहे थे नवजात का शव
बताया जा रहा है कि नवजात की मौत चार से पांच दिन पहले हुई होगी। कुत्ते जब शव को नोच रहे थे, तब खून नहीं बह रहा था, जिससे अनुमान लगाया जा सकता है कि मृत्यु के समय से अधिक समय बीत चुका था। डॉक्टर पंकज दीक्षित ने कहा कि यदि शिशु की मौत चार घंटे से अधिक समय पहले हुई है, तो उसके शरीर का खून सूख चुका होगा। शव का पोस्टमार्टम 72 घंटे बाद किया जाएगा। अज्ञात शव के लिए पुलिस पहले ज्ञात वारिस की तलाश करती है। यदि 72 घंटे के भीतर कोई वारिस नहीं मिलता, तो पुलिस और प्रशासन के सहयोग से पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम की कार्रवाई की जाएगी। पोस्टमार्टम से शव की मौत का सही कारण स्पष्ट होगा और इसके रिकार्ड संबंधित थाने में रखे जाएंगे।
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