मायावती ने उपचुनाव से पहले किए संगठन में फेरबदल : बोलीं- बसपा को गंभीर हालात का मिल सकता है लाभ

बोलीं- बसपा को गंभीर हालात का मिल सकता है लाभ
UPT | Mayawati

Sep 19, 2024 13:42

बसपा सुप्रीमो ने कहा कि खासकर बेरोजगारी की घातक समस्या को दूर करने के लिए रोटी-रोजी आदि के मामले में सरकार के दावों को अगर थोड़ी देर के लिए मान भी लिया जाए तो यह यूपी की विशाल आबादी के हिसाब से ऊंट के मुंह में जीरा की मिसाल से ज्यादा कुछ भी नहीं है।

Sep 19, 2024 13:42

Lucknow News : बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो मायावती ने गुरुवार को पार्टी पदाधिकारियों और जिलाध्यक्षों के साथ यूपी विधानसभा उपचुनाव सहित अन्य अहम मुद्दों पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने पार्टी संगठन की मजबूती व जनाधार को सर्वसमाज में हर स्तर पर बढ़ाने के लिए दिए गए निर्देशों की प्रगति रिपोर्ट ली। साथ ही आगे की जरूरत के हिसाब से संगठन में फेरबदल जरूरी किए। उन्होंने भाजपा सहित अन्य विरोधी दलों पर जातिवादी, सांप्रदायिक व जाति-बिरादरी पर आधारित संकीर्ण राजनीति करने का आरोप लगाते हुए पार्टी नेताओं को इसके मद्देनजर जनता के बीच अपनी पैठ जमाने पर जोर दिया, ताकि विधानसभा की 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में बसपा को इसका फायदा मिल सके।

कोरे दावों के बीच यूपी की 25 करोड़ आबादी का नहीं हुआ भला
मायावती ने कहा कि अपार गरीबी, बेरोजगारी, पिछड़ेपन, पलायन और महंगाई जैसे जनहित व जनकल्याण के मुद्दों के साथ ही महिला असुरक्षा के मुद्दे पर केवल आरोप-प्रत्यारोप व दावे किए जा रहे हैं। हकीकत में यूपी का लगभग 25 करोड़ लोगों का ना तो कोई खास भला हुआ है और ना ही आगे कुछ बेहतर होने वाला है। उन्होंने कहा कि बल्कि इससे हालात बिगड़ते ही चले जा रहे हैं, जिसकी तरफ भरपूर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है।



सरकार के दावे ऊंट के मुंह में जीरा से जयादा नहीं
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि खासकर बेरोजगारी की घातक समस्या को दूर करने के लिए रोटी-रोजी आदि के मामले में सरकार के दावों को अगर थोड़ी देर के लिए मान भी लिया जाए तो यह यूपी की विशाल आबादी के हिसाब से ऊंट के मुंह में जीरा की मिसाल से ज्यादा कुछ भी नहीं है। इनकी ऐसी ही बयानबाजी व जुमलेबाजी आदि से दयनीय स्थिति सुधरने वाली नहीं है बल्कि सरकारी नौकरी में हर स्तर पर भारी बैकलाग की स्थिति लगातार कायम होना यह भी ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि अधिकतर मामलों में कागजी वादे व दावे ज्यादा होने के कारण जनता का जीवन त्रस्त है।

उपचुनाव में बसपा को मिल सकता है लाभ
मायावती ने यूपी में होने वाले विधानसभा उपचुनावों में पार्टी के बेहतर रिजल्ट को लेकर तैयारियों की गहन समीक्षा की। इस मामले में उन्होंने कहा कि अगर बसपा के लोगों ने यहां धरातल पर पूरी ईमानदारी, निष्ठा व मिशनरी भावना से अपना काम लगातार जारी रखा तो यूपी के ऐसे गंभीर हालात का भरपूर लाभ पार्टी को यहां तत्काल प्रभाव से जरूर मिल सकता है।

बुलडोजर की बढ़ती प्रवत्ति पर जताई चिंता
उन्होंने कहा कि इसके इलावा बुलडोजर विध्वंस कानून का राज का प्रतीक नहीं होने के बावजूद इसके प्रयोग की बढ़ती प्रवृति बेहद चिंतनीय है। वैसे बुलडोजर व अन्य किसी भी मामले में जब आमजनता उससे सहमत नहीं होती है तो फिर केंद्र को आगे आकर उस पर पूरे देश के लिए एक-समान गाइडलाइन्स बनाना चाहिए, जो नहीं किए जा रहे हैं। वरना बुलडोजर एक्शन के मामले में सुप्रीम कोर्ट को इसमें दखल देकर केन्द्र सरकार की जिम्मेवारी को खुद नहीं निभाना पड़ता, जो यह जरूरी था। इसलिए केंद्र व राज्य सरकारों को संविधान व कानूनी राज के अमल होने पर जरूर ध्यान देना चाहिए।

एक देश-एक चुनाव पर बसपा का स्टैंड सकारात्मक
मायावती ने कहा कि साथ ही देश हित में, एक देश, एक चुनाव की व्यवस्था के तहत देश में लोकसभा, विधानसभा व स्थानीय निकाय का चुनाव एक साथ कराने वाले प्रस्ताव को केंद्रीय कैबिनेट द्वारा बुधवार को दी गयी मंजूरी पर बसपा का स्टैंड सकारात्मक है लेकिन इसका उद्देश्य देश व जनहित में होना जरूरी है। मायावती ने कहा कि साथ ही बसपा केंद्र सरकार से देश में राष्ट्रीय स्तर पर जातीय जनगणना करवाके तथा एससी-एसटी व ओबीसी वर्गों को भी देश के शासन-प्रशासन में समुचित व प्रभावी भागीदारी दिलाने को भी जमीनी हकीकत में बदलवाने का पूरा-पूरा प्रयास करेगी।

यूपी में कानून के राज की सख्त जरूरत
उन्होंने कहा कि यूपी सहित पूरे देश में महिला उत्पीड़न, शोषण व असुरक्षा भी चिंतित करने वाला बहुत बड़ा मुद्दा है, जिसको लेकर भी जातिवादी द्वेष व सांप्रदायिक पक्षपात आदि की राजनीति और उसी के हिसाब से कानून का गलत इस्तेमाल वास्तव में स्थिति को और भी अधिक गंभीर बना रहा है। कुल मिलाकर, कानूनों का कानून के हिसाब से सही इस्तेमाल नहीं होने तथा विरोधियों के प्रति पक्षपाती रवैया अपनाने के कारण कानून-व्यवस्था की हालत यहां सुधरने का नाम नहीं ले रही है। ऐसे में जनकल्याण व विकास के लिए यहां यूपी में कानून के राज की सख्त जरूरत है।

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