गुरु शिष्य की अद्भुत और आदित्य परंपरा में ताउम्र अपने ज्ञान और संस्कार से गुरु अपने शिष्य की गुरुता को बढ़ाता रहता है। शिष्य भी अपने कर्मों और...
Gorakshapeeth : गुरु-शिष्य परंपरा की मिसाल है गोरक्षपीठ, जानिए क्या होंगे कार्यक्रम...
Sep 02, 2024 16:01
Sep 02, 2024 16:01
14 सितंबर से 21 सितंबर तक चलेंगे कार्यक्रम
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर भी हैं। हर साल सितंबर में ब्रह्मलीन महंत दिग्विजय नाथ (योगीजी के दादा गुरु) और उनके पूज्य गुरुदेव की पुण्यतिथि पर साप्ताहिक समारोह आयोजित किया जाता है। समारोह में गोरखनाथ मंदिर गुरु शिष्य की ऋषिकुल परंपरा को जीवन्त करता है। इस साल भी 14 सितंबर से कार्यक्रम शुरू होकर 21 सितंबर तक चलेंगे। कार्यक्रम के उद्घाटन और समापन, समारोह में मुख्यमंत्री और गोरक्षपीठाधीश्वर खुद मौजूद उपस्थित रहेंगे।
हफ्ते भर तक रामायण या श्रीमद्भगवत गीता का होगा पाठ
इस साल ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ की 55वीं और ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की 10वीं पुण्यतिथि है। इस दौरान हफ्ते भर तक देश के जाने-माने कथा मर्मज्ञ रामायण या श्रीमद्भगवत गीता का यहां के लोगों को रसपान कराते हैं। शाम को देश के किसी ज्वलंत मुद्दे पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जाता है।
कोविड में भी नहीं रुका था सिलसिला
वैश्विक महामारी कोविड के दौरान भी सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन करते हुए पुण्य तिथि समारोह का आयोजन किया गया था। समारोह के दौरान गोरखनाथ मंदिर में 14 से 20 सितंबर तक दोपहर बाद 3 से 6 बजे तक श्रीमद्भागवत पुराण का आयोजन होगा। व्यास पीठ पर होंगे, श्रीमद जगतगुरु अनंतानंद द्वाराचार्य (काशी पीठाधीश्वर)।
15 सितंबर से होगी राष्ट्रीय संगोष्ठी
समारोह में 15 से 19 सितंबर तक देश के समसामयिक मुद्दों पर राष्ट्रीय स्तर की गोष्ठी आयोजित की जायेगी। इसमें देश के जाने माने संत जन, विद्वत जन और धर्माचार्यों का मार्गदर्शन मिलेगा। 20 और 21 सितंबर को ब्रह्मलीन महंत दिग्विजय जी और ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ को पुष्पांजलि अर्पित की जाएगी। दोनों के कृतित्व, व्यक्तित्व, सामाजिक सरोकारों, पीठ की लोककल्याण परंपरा पर चर्चा की जायेगी।
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