कुशीनगर जिले को नारायणी नदी की बाढ़ से बचाने के लिए सरकार हर वर्ष करोड़ों रुपये बाढ़ खण्ड विभाग को देती है। लेकिन, अमवा तटबंध के रामपुर बरहन के परोरही गांव के सामने बना ठोकर नंबर-चार का आठ...
Kushinagar News : बारिश में धंस गया ठोकर का आठ मीटर हिस्सा, कई गांवों पर बाढ़ का खतरा...
![बारिश में धंस गया ठोकर का आठ मीटर हिस्सा, कई गांवों पर बाढ़ का खतरा...](https://image.uttarpradeshtimes.com/add-a-heading-2024-07-03t102044632-38115.jpg)
Jul 03, 2024 10:28
Jul 03, 2024 10:28
क्या है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार, अमवा तटबंध के रामपुर बरहन के परोरही गांव के सामने बना ठोकर नंबर-चार का आठ मीटर हिस्सा पहली बरसात में धंस गया। इसके चलते बांध पर खतरा बढ़ गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर समय रहते ठोकर की मरम्मत नहीं कराई गई तो मानसून के समय नदी के बढ़ते जलस्तर में बांध को नुकसान पहुंच सकता है। वहीं, विभागीय जिम्मेदार बांध को सुरक्षित किए जाने का दावा कर रहे हैं। अमवा खास तटबंध के परोरही गांव के सामने बड़ी गंडक नदी बंधे से काफी नजदीक बह रही है। बंधे को बचाने और पानी की धारा को दूसरी दिशा में मोड़ने के लिए ठोकर नंबर-चार बनाया गया है। नदी में जलस्तर में वृद्धि होने के बाद मंगलवार को हल्की बारिश में ठोकर का आठ मीटर हिस्सा धंस गया। ठोकर धंसने के बाद नदी का दबाव अब मुख्य तटबंध पर बढ़ गया है। ठोकर का अगला हिस्सा क्षतिग्रस्त होते ही नदी बांध के करीब से सटकर बह रही है।
ग्रामीणों का सता रहा बाढ़ का खतरा
स्थानीय लोगों ने ठोकर धंसने की सूचना बाढ़ खंड विभाग को दे दी है। बावजूद इसके देर शाम तक विभागीय जिम्मेदार मौके पर नहीं पहुंच सके। गांव के राजकुमार पाल, शुभ नारायन, अशोक यादव, अर्जुन, राम क्षत्रिय यादव, सतेंद्र यादव आदि का कहना है कि नदी बंधे के काफी नजदीक से होकर बह रही है। इससे मुख्य बांध पर संकट मंडराने लगा है। अगर यही हाल रहा तो बढ़ते जलस्तर में बांध को भी नदी नुकसान पहुंचा सकती है। बंधा टूटने के बाद कई गांव बाढ़ की चपेट में आ जाएंगे।
Also Read
![प्रशासन ने बचाए 60 से अधिक फंसे लोग, राहत कार्य जारी प्रशासन ने बचाए 60 से अधिक फंसे लोग, राहत कार्य जारी](https://image.uttarpradeshtimes.com/uu-2024-07-07t195957084-19810.jpg)
7 Jul 2024 06:27 PM
नेपाल के बाल्मीकिनगर बैराज से लगभग 4 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने के कारण, नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ा, जिसने आसपास के कई गांवों को प्रभावित किया। और पढ़ें