शादियों में दूल्हे को बारात स्थल से दुल्हन के घर तक ले जाने की प्राचीन परंपरा में एक नया ट्रेंड देखने को मिल रहा है। पारंपरिक घोड़े वाले रथ की जगह अब लोग पुरानी जीप और अन्य वाहनों को रथ के रूप में परिवर्तित करने लगे हैं। इसे लेकर महराजगंज परिवहन विभाग ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है।
परिवहन विभाग की सख्ती : महराजगंज में अब विवाह में 'रथ' पर सवार नहीं हो पाएंगे दूल्हे राजा
Nov 27, 2024 13:02
Nov 27, 2024 13:02
- चार पहिया वाहन को रथ में रूपांतरित करना अवैध,होगी कार्रवाई : एआरटीओ
- शादी-विवाह में जाने वाले रथ पर महराजगंज परिवहन विभाग कर रहा कार्रवाई
वाहनों को रथ में बदलने से होती हैं दुर्घटनाएं
शादी में दूल्हे के बारात स्थल से दुल्हन के घर जाने की कई परंपराएं हैं। इन्हीं परंपराओं में से एक है विवाह रथ की। दूल्हे को बारात स्थल से दुल्हन के घर तक ढोल-नगाड़ों और डीजे की धुन पर शादी के रथ में ले जाया जाता है। लेकिन इस रथ में न तो असली घोड़ा होता है और न ही यह असली रथ होता है। इसके मालिक और संचालक पुरानी जीप व अन्य वाहनों की बॉडी निकालकर उसे रथ का मॉडल बनवा लेते हैं। महंगा होने के साथ ही इस रथ की काफी मांग भी है। लेकिन जीप व अन्य वाहनों को शादी के रथ में बदलना वाहन नियमों के खिलाफ है। इससे दुर्घटनाएं भी होती हैं।
रथों की तलाश करेगा परिवहन विभाग
इधर लगन भी शुरू हो गया है। लोग इस रथ से पहुंच रहे हैं। वहीं उप संभागीय परिहवन विभाग ने परिवर्तन कर रथ के इस्तेमाल पर रोक लगाने का अभियान छेड़ दिया है। एआरटीओ विनय कुमार ने एक शादी रथ का चालान कर दिया। अब अभियान चलाकर ऐसे वाहनों को पकड़ा जा रहा है जो परिवर्तन करके चलाते हैं। परिवहन विभाग के अधिकारी पहुंचकर जांच करेंगे, परिवर्तित गाड़ियों को बंद कराएंगे।
15 से 30 हजार लेते हैं किराया
शादी विवाह में इस्तेमाल होने वाले शादी रथ को संचालक 15 से 30 हजार रुपये किराया लेते हैं। महज एक रात के लिए इतना किराया केवल शादी रथ के लिए ही लिया जाता है। बैंड, डीजे आदि का पैसा अलग से लिया जाता है।
दुघर्टना पर नहीं मिलता मुआवजा
एआरटीओ विनय कुमार ने बताया कि विवाह रथ के रूप में रूपांतरित वाहन से दुर्घटना होने पर कोई मुआवजा नहीं मिलता है। ऐसे वाहनों का बीमा और फिटनेस न होने के कारण कोई क्लेम भी नहीं होता है। संचालक के पास न तो लाइसेंस होता है और न ही संबंधित कागजात। ऐसे में जो भी व्यक्ति विवाह रथ के रूप में परिवर्तित वाहनों का संचालन कर रहा है या करवा रहा है, उसे तत्काल बंद कर देना चाहिए।
नियमों के विरुद्ध है वाहनों का रूपांतरण
एआरटीओ विनय कुमार ने बताया कि वाहनों को रूपांतरित कर उनका संचालन करना वाहन नियमों के विरुद्ध है। इससे दुर्घटना की आशंका बढ़ जाती है। ऐसे वाहनों से होने वाली दुर्घटनाओं पर कोई मुआवजा नहीं मिलता। इससे राजस्व की भी हानि होती है। ऐसे में इसे रोकने के लिए अभियान चलाया जा रहा है।
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