महाराजगंज जिले के कन्हैया बाबा स्थान पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा की जा रही खुदाई के दौरान प्राचीन बौद्ध अवशेषों की खोज ने इलाके के ऐतिहासिक महत्व को और भी गहरा कर दिया है। मिट्टी की सुराही और कलात्मक दीवारों के अवशेषों से इस स्थल को राम ग्राम के रूप में प्रमाणित करने की उम्मीद जताई जा रही है। यह खोज महराजगंज को एक महत्वपूर्ण बौद्ध तीर्थ स्थल के रूप में स्थापित कर सकती है।
महराजगंज बनेगा बौद्ध तीर्थस्थल : कन्हैया बाबा स्थल पर खुदाई से खुला ऐतिहासिक रहस्य, उत्खनन में मिला सुराही का अवशेष
Dec 29, 2024 11:12
Dec 29, 2024 11:12
खुदाई के दौरान मिट्टी के बर्तनों के अवशेष मिल रहे
छोटे-छोटे औजारों की मदद से ईंट के टुकड़े और मिट्टी निकाली जा रही है। एक कक्ष में करीब 13 फीट तक खुदाई हो चुकी है। अब तक चार ब्लॉक में खुदाई का काम हो चुका है, जिसमें इस कक्ष के पूर्व दिशा में मोटी दीवारें दिखाई दे रही हैं। मिट्टी के बर्तन और घड़े के बाद अब सुराही के अवशेष मिल रहे हैं। उत्खनन विभाग की टीम अपने नियमानुसार धीरे-धीरे खुदाई को आगे बढ़ा रही है। टीम आशान्वित भी है।
सोहागीबरवा वन्य जीव प्रभाग के दक्षिणी चौक रेंज के नाथनगर बीट में कन्हैया बाबा के स्थान को भगवान बुद्ध के आठवें अस्थि अवशेष पर निर्मित स्तूप के रूप में मान्यता मिलने के संदर्भ में खुदाई में सुसज्जित दीवारों और ईंटों के साथ मिट्टी के बर्तनों के अवशेष मिलना एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
स्तूप साबित हो गया तो चमक जाएगा महराजगंज
अगर खुदाई में बुद्ध का आठवां स्तूप प्रमाणित हो जाता है तो कपिलवस्तु, लुम्बिनी, सारनाथ, कुशीनगर, बोधगया की तरह देश-विदेश से बौद्ध धर्मावलंबी यहां आने लगेंगे। इससे महराजगंज भी विश्व पटल पर चमकेगा। अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ. आफताब हुसैन ने बताया कि विशेष औजारों से खुदाई का कार्य किया जा रहा है। अभी तक चार ब्लॉकों में खुदाई का कार्य किया जा रहा है। इस कार्य में जो भी वस्तुएं मिल रही हैं, उन सभी का दस्तावेजीकरण किया जा रहा है।
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