Maharajganj News : खबर यूपी के जनपद महराजगंज से है जहां जिले के फरेन्दा गांव में अम्बेडकर जन मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष सीमा गौतम और उनके सहयोगी श्रवण कुमार निराला पर महिलाओं को संगठित रूप से कर्ज माफी का झूठा आश्वासन देकर ठगने का गंभीर आरोप सामने आया है। अभियुक्त लोगों को माइक्रोफाइनेंस कंपनी से लिया गया लोन अदा न करने और इसकी शिकायत मुख्यमंत्री के यहां करने के लिये लोगों को भड़काता था। आए दिन लोग मुख्यमंत्री के यहां जनता दर्शन में जाकर शिकायत करते थे। माइक्रो फाइनेंस इंस्टीट्यूशन नेटवर्क (MFIN) के असिस्टेंट वाइस प्रेसिडेंट की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की और दोषी पाए जाने पर श्रवण कुमार को गिरफ्तार किया है। पकड़े गये अभियुक्त के खिलाफ पुलिस विधिक कार्यवाही कर रही है।
फर्जी कर्ज माफी प्रमाण पत्र जारी
माइक्रो फाइनेंस इंस्टीट्यूशन नेटवर्क (MFIN) के असिस्टेंट वाइस प्रेसिडेंट धीरज सोनी की शिकायत के अनुसार, सीमा गौतम और उनके सहयोगियों ने गांव की गरीब और अनपढ़ महिलाओं को यह झांसा दिया कि उनका समूह लोन माफ हो जाएगा। इसके लिए उन्होंने महिलाओं से जबरन प्रार्थना पत्र छपवाकर भरवाए और प्रत्येक महिला से 500-500 रुपये लेकर उन्हें फर्जी कर्ज माफी प्रमाण पत्र जारी किए। इन महिलाओं को उकसाया गया कि वे फाइनेंस संस्थाओं का कर्ज न चुकाएं और अगर उनसे पैसे की मांग की जाए तो हिंसा ("डंडा-दवाई") का सहारा लें।
धीरज सोनी ने बताया कि यह मामला आरबीआई द्वारा 11 दिसंबर 2023 को जारी किए गए निर्देशों का उल्लंघन है, जिसमें कर्ज माफी से संबंधित अनधिकृत अभियानों से सावधान रहने की चेतावनी दी गई थी। सीमा गौतम और उनके सहयोगियों ने इस निर्देश की अवहेलना करते हुए महिलाओं को कर्ज न चुकाने के लिए प्रेरित किया और उनके अंगूठे के निशान लेकर फर्जी दस्तावेज तैयार किए। इस धोखाधड़ी में महिलाओं को गंभीर रूप से गुमराह किया गया, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति और बिगड़ सकती थी। इस संगठित ठगी का शिकार गरीब और भोली-भाली महिलाएं बनीं, जिनसे फर्जीवाड़े के माध्यम से पैसे ऐंठे गए।
धीरज सोनी की तहरीर पर पुलिस अधीक्षक सोमेंद्र मीणा ने तत्काल मुकदमा दर्ज कर जांच के आदेश दिये। तहरीर पर थाना फरेंदा में सीमा गौतम, श्रवण कुमार निराला और उनके सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज करके श्रवण को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस पूरे नेटवर्क को खंगाल कर अग्रिम विधिक कार्यवाही कर रही है।
देवरिया जिले में फर्जी शैक्षिक प्रमाणपत्रों के आधार पर नौकरी कर रहे दो प्रधानाध्यापकों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। यह कार्रवाई लंबी जांच प्रक्रिया के बाद की गई, जिसमें एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही। और पढ़ें