महराजगंज में साइबर फ्रॉड और फर्जी दस्तावेज बनाने के बड़े गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। इस गिरोह का मुख्य आरोपित राहुल कुमार को पुलिस ने उसके घर से गिरफ्तार किया है। वह पुरंदरपुर क्षेत्र में फर्जी आधार कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेज बनाने की गतिविधियों में संलिप्त था।
फर्जी दस्तावेज और साइबर धोखाधड़ी : मुख्य आरोपी भी गिरफ्तार, 13 अगस्त को साइबर पुलिस ने किया था गिरोह का भंडाफोड़
Oct 28, 2024 13:29
Oct 28, 2024 13:29
फर्जी दस्तावेज बनाने का गिरोह सक्रिय
पुरंदरपुर क्षेत्र में यह गिरोह फर्जी वेबसाइट्स का उपयोग करके विभिन्न सरकारी दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र और निर्वाचन कार्ड बनाता था। 13 अगस्त 2024 को साइबर पुलिस ने इस गिरोह का भंडाफोड़ किया। इस कार्रवाई के दौरान आठ लैपटॉप, दो प्रिंटर, सात प्लास्टिक के बायोमेट्रिक क्लोन, दो आइरिस डिवाइस, एक माउस, एक वेबकैम, एक सीपीयू, चार मोबाइल, एक लेमिनेशन मशीन, दो बायोमेट्रिक मशीन, चार सिम कार्ड, 71 आधार कार्ड, 50 टोकन, 176 निर्वाचन कार्ड, 224 जन्म प्रमाण पत्र, 1839 आधार कार्ड की रसीदें, चार सिम, 4210 रुपये नकद, दो एचडीएफसी बैंक के क्रेडिट कार्ड, एक पैन कार्ड और एक आंख का आइरिस बरामद किया गया था।
तीन आरोपी पहले ही भेजे जा चुके हैं जेल
इस मामले में पहले ही तीन आरोपियों—संजय कुमार वर्मा निवासी बहोरपुर थाना पुरंदरपुर, शिवकुमार निवासी ग्राम अगया थाना पुरंदरपुर और विवेक निवासी जंगल बड़हरा पनियरा—को जेल भेजा जा चुका है। पुलिस जांच में सामने आया कि यह गिरोह राहुल कुमार की आईडी और उसके रबर के क्लोन का इस्तेमाल कर रहा था। इसके अलावा, गिरोह ने 18 कापी आयरिस का फोटो लेकर साइबर फ्रॉड और ऑनलाइन धोखाधड़ी के कार्यों को अंजाम दिया था।
साइबर पुलिस ने की छापेमारी और गिरफ्तारी
राहुल कुमार की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लंबे समय से प्रयासरत थी। पुलिस को जब राहुल का सटीक लोकेशन मिला, तो साइबर थाना निरीक्षक सजनू यादव के नेतृत्व में पुलिस टीम ने प्रयागराज में राहुल कुमार के घर पर छापेमारी की। इस छापेमारी के दौरान आरोपित राहुल कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद उसे न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
पुलिस टीम की महत्वपूर्ण भूमिका
इस पूरी कार्रवाई में साइबर थाना निरीक्षक सजनू यादव के साथ कांस्टेबल विशाल प्रजापति, लालबहादुर यादव और संतोष शर्मा ने अहम भूमिका निभाई। इस गिरफ्तारी के साथ ही पुलिस को उम्मीद है कि फर्जी दस्तावेज बनाने और साइबर धोखाधड़ी के इस बड़े नेटवर्क को तोड़ने में सफलता मिलेगी। इस गिरफ्तारी के बाद महराजगंज जिले में साइबर फ्रॉड के मामलों में कमी आने की उम्मीद है। पुलिस ने स्थानीय लोगों से भी अपील की है कि वे अपने दस्तावेजों की सुरक्षा को लेकर सतर्क रहें और किसी भी अनजान व्यक्ति के साथ अपने पहचान पत्र साझा न करें।
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