उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में एक अभिनव पहल ने बाल कुपोषण से लड़ने में महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। बाल विकास विभाग द्वारा संचालित 'मिशन खिलखिलाहट' योजना ने अब तक 86 बच्चों को कुपोषण के चक्र से मुक्त किया है। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और महिला एवं बाल विकास मंत्री बेबी रानी मौर्य ने इस परियोजना की विशेष प्रशंसा की है।
मिशन खिलखिलाहट : गोरखपुर में कुपोषण के खिलाफ जंग लड़ रहे अधिकारी, 86 बच्चे हुए सुपोषित, राज्यपाल कर चुकी हैं तारीफ
Nov 29, 2024 11:48
Nov 29, 2024 11:48
कुपोषण से मुक्त हुए बच्चे के घर पहुंचे सीडीओ
गुरुवार को मुख्य विकास अधिकारी संजय मीना कुपोषण से मुक्त हुए बच्चे श्रेयांश के घर पहुंचे। डीपीओ ने बताया कि सिविल लाइंस स्थित मलिन बस्ती में रहने वाले श्रेयांश के पिता संजय सब्जी का ठेला लगाते हैं और मां चंदा गृहिणी हैं। सीडीओ ने बच्चे के साथ समय बिताया। सीडीओ ने अधिकारियों ने अपील की है कि कुपोषित बच्चों को गोद लेकर पोषण के कार्य में जुटें। इसके पहले सीडीओ ने कुपोषित बच्चे श्रेयांश को भी गोद लिया था। सीडीओ ने जब बच्चे को गोद लिया था तब उसका वजन सात किलोग्राम था। महज तीन माह में बच्चे का वजन दो किलोग्राम बढ़ गया और गुरुवार को बच्चा कुपोषण की श्रेणी से बाहर आकर पूरी तरह स्वस्थ हो गया।
पोषण पोटली में दी जाती है हेल्दी डाइट
डीपीओ अभिनव मिश्रा ने बताया कि 'मिशन खिलखिलाहट' में अधिकारियों द्वारा कुपोषित बच्चों को गोद लेकर स्वेच्छा से पोषण पोटली प्रदान की जा रही है। अब तक 86 बच्चे इस मिशन से कुपोषण से बाहर आ चुके हैं। पूर्व में भी आराध्या और परी नाम की बच्ची को सीडीओ ने गोद लिया था, जो सुपोषित हो चुकी है। डीपीओ ने बताया कि कुपोषित बच्चों को पोषण पोटली में गुड़, चना, सहजन, दाल, केला, सेब, मौसमी हरी सब्जियां दी जाती हैं।
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