एसोसिएशन ने कहा कि इस प्रकार की योजनाओं का लाभ प्रदेश के उपभोक्ता अंतिम चरण में लेते हैं। फिलहाल वर्तमान में भी वह इसका लाभ ले रहे हैं। ऐसे में कोई भी समीक्षा एक माह के पहले किया जाना उचित प्रतीत नहीं होता।
यूपीपीसीएल निजीकरण : OTS स्कीम की आड़ में आंदोलनरत अभियंताओं पर कार्रवाई! ऊर्जा मंत्री-अध्यक्ष की बातें विरोधाभासी
Dec 26, 2024 20:23
Dec 26, 2024 20:23
निजीकरण के फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग
एसोसिएशन की बैठक में गुरुवार को सभी पदाधिकारियों ने पावर कारपोरेशन प्रबंधन व उत्तर प्रदेश सरकार से एक बार फिर निजीकरण के फैसले को लेकर पुनर्विचार करने की मांग की। संगठन ने कहा कि दक्षिणांचल और पूर्वाचल में पीपीपी मॉडल को लेकर दलित व पिछड़े वर्ग के अभियंताओं में बेहद आक्रोश है। वह पूरी लडाई को अपने संवैधानिक तरीके से बिना कार्य में व्यवधान उत्पन्न किये चला रहे हैं। यह बात पदाधिकारियों ने पावर कारपोरेशन के चेयरमैन डॉ. आशीष गोयल की बैठक में भी कही थी कि संगठन अपनी लड़ाई को संवैधानिक तरीके से लड़ेगा।
ओटीएस योजना में कार्रवाई को लेकर उठाया सवाल
इस बीच दो दिन पहले एकमुश्त समाधान योजना (OTS) के नाम पर जिस प्रकार से बिजली कंपनियों में अभियंताओं के निलंबन की घोषणा की गई और पूर्वांचल में तीन अधिशासी अभियंता निलंबित भी किए गए, उससे दलित व पिछड़े वर्ग के अभियंताओं में भारी निराशा है। पदाधिकारियों ने कहा कि एक तरफ ऊर्जा मंत्री एकेशर्मा ने गुरुवार को कहा कि उत्तर प्रदेश में 973000 लोगों ने ओटीएस में लाभ लिया और 703 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ। उधर मात्र 10 दिन पहले लागू हुई एकमुश्त समाधान योजना को लेकर पावर कारपोरेशन प्रबंधन निलंबन की कार्रवाई करता है। ऐसे में ये दो दोनों बातें आपस में विरोधाभासी हैं।
अंतिम चरण में उपभोक्ता लेते हैं योजना का सबसे ज्यादा लाभ
एसोसिएशन ने कहा कि इस प्रकार की योजनाओं का लाभ प्रदेश के उपभोक्ता अंतिम चरण में लेते हैं। फिलहाल वर्तमान में भी वह इसका लाभ ले रहे हैं। ऐसे में कोई भी समीक्षा एक माह के पहले किया जाना उचित प्रतीत नहीं होता। एसोसिएशन के कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा, महासचिव अनिल कुमार, सचिव आर पी केन, अतिरिक्त महासचिव अजय कुमार, संगठन सचिव बिंदा प्रसाद, ट्रांसमिशन अध्यक्ष सुशील कुमार वर्मा, प्रभाकर और अजय कुमार ने कहा कि सभी बिजली कंपनियों में वर्तमान में भय का माहौल है। ऐसे में रिजल्ट अच्छे नहीं लिए जा सकते। इसलिए सभी बिजली कंपनियों में स्वस्थ परंपरा के तहत किसी भी योजना में कम से कम सफलता प्राप्त करने के लिए एक महीने का समय दिया जाना आवश्यक है।
एक माह बाद योजना की हो समीक्षा, अभी से निलंबन सही नहीं
ओटीएस जैसी महत्वपूर्ण योजना को भी कम से कम एक माह का समय दिया जाए। लेकिन, जिस प्रकार से पावर कारपोरेशन प्रबंधन समीक्षा में निलंबित करने की घोषणा कर रहा है, उसे लोगों का मनोबल टूट रहा है। इस तरह बेहतर परिणाम प्राप्त होने में आने वाले समय में समस्या खड़ी होगी। इसलिए प्रबंधन को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए।
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