मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक अनूठी पहल की गई है।
मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी से पशुपालन में नई क्रांति : गोरखपुर की महिलाएं आर्थिक सशक्तिकरण की राह पर, 2025 तक 20,000 सदस्य बनाने का लक्ष्य
Jan 06, 2025 21:15
Jan 06, 2025 21:15
2025 तक 20,000 सदस्यों और 70,000 लीटर दूध संग्रह का लक्ष्य
कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) धनराज साहनी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार पशुपालक महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए अगले दो वर्षों में सदस्य संख्या को बढ़ाकर 20,000 करने और प्रतिदिन 3 लाख लीटर दूध संग्रह का लक्ष्य रखा गया है। यह योजना राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की सहायता से क्रियान्वित की जा रही है।गोरखनाथ कृपा कंपनी को विस्तार देने के लिए वरुण बेवरेजेज और ज्ञान डेयरी से स्थानीय स्तर पर दूध आपूर्ति के लिए वार्ता चल रही है। इसके साथ ही नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड का भी सहयोग लिया जा रहा है।
महिलाओं की बढ़ती आमदनी, 431 लखपति दीदी बनीं
श्री बाबा गोरखनाथ कृपा मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी के माध्यम से ग्रामीण महिलाएं अपने परिवार की आय में वृद्धि कर रही हैं। सीईओ धनराज साहनी ने बताया कि इस पहल से अब तक 431 महिलाएं ‘लखपति दीदी’ बन चुकी हैं। इनमें से दो महिलाओं ने एक वर्ष में 12 लाख रुपये तक की आय अर्जित की है। यह कंपनी महिलाओं को दूध उत्पादन के क्षेत्र में आर्थिक स्वतंत्रता प्रदान करने का एक सशक्त माध्यम बन रही है।
सदस्यता प्रक्रिया सरल, महिलाओं के लिए अवसर
इस कंपनी की सदस्यता लेने के लिए जिस गांव में दूध संकलन केंद्र हो, वहां की महिला पशुपालक सदस्य बन सकती हैं। एक परिवार से केवल एक महिला को सदस्यता मिलेगी। 50 रुपये के प्रवेश शुल्क के साथ 5 शेयर लेना अनिवार्य है, जिनमें से एक शेयर की कीमत आवेदन के समय और शेष चार शेयर की कीमत दूध आपूर्ति के बिल से कटौती की जाती है। कंपनी से जुड़ी महिलाएं हर वर्ष कम से कम 500 लीटर दूध की आपूर्ति करेंगी। सदस्यता छोड़ने पर निवेश की गई पूंजी वापस की जाएगी।
भुगतान प्रक्रिया और अतिरिक्त सुविधाएं
दूध आपूर्ति पर महिलाओं को भुगतान सीधे उनके बैंक खातों में किया जाता है। हर 10 दिन पर भुगतान होता है, और प्रत्येक माह की 3, 13 और 23 तारीख को रकम जमा की जाती है। दूध की कीमत बाजार दर के अनुसार तय की जाती है। इसके अतिरिक्त महिलाओं को कंपनी के मुनाफे में भी हिस्सेदारी मिलेगी। कंपनी पशुपालक महिलाओं को थनैला रोग जांच, कृत्रिम गर्भाधान पंजीकरण, खनिज मिश्रण और पशु आहार उपलब्ध कराएगी। साथ ही अधिक दूध उत्पादन और पशु स्वास्थ्य सुधार की तकनीकी जानकारी भी दी जाएगी।
बलिनी मॉडल की सफलता से प्रेरणा
2019 में पांच महिलाओं द्वारा स्थापित बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी ने आज 71,000 महिलाओं को जोड़ा है। इस कंपनी का वार्षिक टर्नओवर 1,225 करोड़ रुपये है, जिसमें से 24 करोड़ का शुद्ध लाभ अर्जित हुआ। बलिनी की सफलता ने मुख्यमंत्री योगी को पूरे प्रदेश में पांच महिला संचालित मिल्क प्रोड्यूसर कंपनियों के गठन के लिए प्रेरित किया। गोरखनाथ कृपा कंपनी उसी का एक उदाहरण है। इस पहल ने महिलाओं को आर्थिक सशक्तिकरण का एक मजबूत प्लेटफॉर्म दिया है, जो न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे समाज के लिए परिवर्तनकारी साबित हो रहा है।
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