Jhansi News : JDA की सीमा से बाहर हुए 25 गांव, बीडा बदलेगा यहां की तस्वीर, होगा औद्योगिक विकास

JDA की सीमा से बाहर हुए 25 गांव, बीडा बदलेगा यहां की तस्वीर, होगा औद्योगिक विकास
सोशल मीडिया | बदल रहा है झांसी का नक्शा, 25 गांवों का हुआ बीडा में स्थानांतरण।

Mar 07, 2024 20:30

झांसी के 25 गांवों को बीडा में शामिल किया गया है। जेडीए की सीमा में बदलाव हो गया है। 25 गांव बाहर होने से अब 37 गांव शेष बचे…

Mar 07, 2024 20:30

Short Highlights
  • 10 साल पहले जेडीए में शामिल किए गए 25 गांव अब बाहर।
  • इन गांवों में अब बीडा के नियम-कायदे लागू होंगे।
  • जेडीए के पास अब 37 गांव शेष।
  • यह बदलाव नए औद्योगिक शहर के निर्माण के लिए किया गया है।

 

 

Jhansi News : महानगर के करीब 25 गांव अब झांसी विकास प्राधिकरण (जेडीए) के अधिकार क्षेत्र से बाहर हो गए हैं। यह गांव अब नए औद्योगिक शहर में शामिल हो गए हैं और यहां बीडा (बुन्देलखण्ड औद्योगिक विकास प्राधिकरण) के नियम-कायदे लागू होंगे। यह सभी गांव 10 साल पहले सीमा विस्तार के बाद जेडीए में शामिल किए गए थे। बीडा का नोटिफिकेशन होने के बाद झांसी विकास प्राधिकरण ने इन गांवों को अपनी सूची से हटा दिया है। 62 गांव में से अब 37 गांव ही जेडीए के अधिकार क्षेत्र में रहेंगे।


10 साल पहले हुआ था जेडीए का सीमा विस्तार
सुनियोजित विकास और महानगर के आसपास विकास की आधारशिला रखने के लिए अस्तित्व में आए झांसी विकास प्राधिकरण ने वर्ष 2014 में सीमा विस्तार करते हुए 62 गांवों को भी जेडीए सीमा में शामिल कर लिया था। इसके बाद से इन सभी गांवों में होने वाले निर्माण कार्यों पर जेडीए की निगरानी शुरू हो गई, लेकिन भाजपा सरकार ने हाल ही में झांसी को बड़ी सौगात दी। सरकार ने यहां नया औद्योगिक शहर बसाने का निर्णय लिया, जिसके लिए बीडा (बुन्देलखण्ड औद्योगिक विकास प्राधिकरण) का गठन किया गया। बीडा ने महानगर से सटे 33 गांवों को अधिग्रहित करने के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया। इन 33 गांवों में 25 गांव वह हैं, जो सीमा विस्तार के बाद जेडीए के अधीन आ गए थे। अब यह गांव जेडीए के अधिकार क्षेत्र से बाहर हो गए हैं और यहां अब बीडा के नियम-कायदे ही लागू होंगे।

उपाध्यक्ष जेडीए ने दी जानकारी
उपाध्यक्ष, झांसी विकास प्राधिकरण, आलोक यादव ने कहा, "बुन्देलखण्ड औद्योगिक विकास प्राधिकरण में 33 गांव शामिल किए गए हैं, जिनमें 25 वह गांव हैं, जो 10 साल पहले जेडीए की सीमा में शामिल किए गए थे। नोटिफिकेशन होने के बाद यह गांव स्वत: ही जेडीए के अधिकार क्षेत्र से बाहर हो गए हैं। यहां अब बीडा के ही नियम लागू होंगे।"

पहला मास्टर प्लान लागू होने से पहले जेडीए से बाहर हुए गांव
वर्ष 2014 में तत्कालीन सपा सरकार ने झांसी विकास प्राधिकरण के सीमा विस्तार के प्रस्ताव पर मोहर लगाई थी। अब तक यहां पुराना मास्टर प्लान लागू किया गया था, जबकि पहली बार यहां नया मास्टर प्लान लागू किया जाना था, जिससे पहले ही 25 गांव जेडीए के अधिकार क्षेत्र से बाहर हो गए हैं। अब इन गांवों को बीडा के मास्टर प्लान में शामिल किया जाएगा।
 

जेडीए की सीमा में बचे गांव
जेडीए की सीमा में अब लक्ष्मनपुरा, बनगुवां, नोटक्षीर, कोलवा, बरेटी, फुटेरा- बरुआसागर, हरपुरा, तालरमन्ना, घुघुवा, चिपलौठा, दानीपुरा, दोन, दुनारा, भूपनगर, सिजवाहा, बचावली खुर्द, बचावली बुजुर्ग, बड़ागांव, तोर बराठा, बराठा, पारीछा, सिकौरा, रिछौरा, मडोरा, गढ़मऊ, पाटेश्वर, आरी, बेहटा, कोट, पाडरी, लकारा, रूंदकरारी, रौनीजा, चन्दरा, रक्सा, पठारी और बरुआपुरा गांव ही बचे हैं। 

जेडीए अधिकार क्षेत्र से बाहर किए गए गांवों की सूची
झांसी विकास प्राधिकरण से जो गांव बाहर किए गए उनमें अम्बावली, रमपुरा, गुढ़ा, चमरौआ, खजराहा खुर्द, खजराहा बुजुर्ग, कलौथरा, सारमऊ, सिमरा, गेवरा, पुनावली कला, डोमागोर, ढिकौली, कोटखेरा, मुरारी, डगरवाहा, किल्ववारा खुर्द, किल्ववारा बुजुर्ग, बाजना, बमेर, राजापुर, डोंगरी, गंगावली, मठखास, बैदोरा के नाम सामिल है। 

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