केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना : बरुआसागर कैनाल से बुंदेलखंड तक पहुंचेगा पानी, 50 हजार करोड़ की लागत से होगा तैयार

बरुआसागर कैनाल से बुंदेलखंड तक पहुंचेगा पानी, 50 हजार करोड़ की लागत से होगा  तैयार
UPT | Baruasagar Canal Project

Jun 29, 2024 09:56

इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य बुंदेलखंड को वर्षभर पेयजल और सिंचाई की सुविधा प्रदान करना है। इसके अंतर्गत केन और बेतवा नदियों को जोड़ने की योजना है, जिसकी अनुमानित...

Jun 29, 2024 09:56

Short Highlights
  • परियोजना का मुख्य उद्देश्य बुंदेलखंड को वर्षभर पेयजल और सिंचाई की सुविधा प्रदान करना है
  • योजना का एक महत्वपूर्ण अंग 220 किलोमीटर लंबी बरुआ सागर नहर है
  • झांसी और चित्रकूट मंडल के 23 जलाशयों को जोड़ने की योजना है
Jhansi News : बुंदेलखंड क्षेत्र में जल संसाधनों के विकास हेतु एक महत्वाकांक्षी योजना का खाका तैयार किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार के जलशक्ति विभाग के राज्यमंत्री रामकेश निषाद ने इस संबंध में जानकारी साझा की है। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य बुंदेलखंड को वर्षभर पेयजल और सिंचाई की सुविधा प्रदान करना है। इसके अंतर्गत केन और बेतवा नदियों को जोड़ने की योजना है, जिसकी अनुमानित लागत 50,000 करोड़ रुपये है।

220 किलोमीटर लंबी कैनाल बनाई जाएगी
इस योजना का एक महत्वपूर्ण अंग 220 किलोमीटर लंबी बरुआ सागर नहर है। यह नहर पन्ना के दौधन बांध से प्रारंभ होकर झांसी के बरुआ सागर झील तक जाएगी। इसके माध्यम से केन नदी का जल बेतवा नदी तक पहुंचाया जाएगा। कुछ दिनों पहले ही तकनीकी टीम के सदस्यों के साथ बैठक के दौरान इसके कई कार्यों का खाका भी खींचा गया। सिंचाई अफसरों की मानें तो  बरुआसागर कैनाल की रूपरेखा भी तय कर ली गयी है। 

कई जलाशयों को एकसाथ जोड़ने का लक्ष्य
परियोजना का लक्ष्य झांसी और चित्रकूट मंडल के कई जलाशयों को एक दूसरे से जोड़ना है। इनमें झांसी के कई प्रमुख बांध और झीलें शामिल हैं। मंत्री रामकेश के अनुसार, परियोजना के जरिए झांसी और चित्रकूट मंडल के 23 जलाशयों को जोड़ने की योजना है। इसके तहत झांसी के सपरार बांध, लखेरी बांध, पथरई बांध, स्यावरी झील, मगरवारा झील, कछनेव झील, मगरपुरा और अड़जार तालाब शामिल हैं। महोबा के उर्मिल बांध, मउवा तालाब, मझगंवा, कीरत सागर, बेलाताल, खैलारपुरा, दशरथपुरा, टीकामऊ, थाना, रायपुरा, कुलपहाड़, कमालपुरा, कल्याण सागर, बीजानगर एवं मदन सागर तालाब को भी जोड़ा जाएगा। साथ ही महोबा के विभिन्न जल स्रोतों को भी इस नेटवर्क से जोड़ा जाएगा।

रबी की फसल को फायदा
इस योजना के क्रियान्वयन से क्षेत्र के जलाशयों में वर्षभर पानी उपलब्ध रहने की उम्मीद है। इससे रबी की फसल के लिए किसानों को पर्याप्त सिंचाई सुविधा मिलेगी और स्थानीय निवासियों की पेयजल संबंधी समस्याओं का समाधान होगा। इस परियोजना की तकनीकी योजना तैयार की जा चुकी है और काम जल्द ही शुरू होने की संभावना है। यह पहल बुंदेलखंड क्षेत्र के जल प्रबंधन में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।

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