भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम का प्रभाव हो गया है। इसके अनुसार, आधी रात के बाद से ही नए क़ानूनी धाराओं के तहत रिपोर्ट दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू...
New Criminal Laws : राजद्रोह अब देशद्रोह, हत्या का मुकदमा धारा 302 में नहीं, दफा 420 भी बदली
Jul 01, 2024 13:36
Jul 01, 2024 13:36
- तीन नए कानून सोमवार से प्रदेश में लागू हो गए हैं
- आधी रात के बाद से ही नए क़ानूनी धाराओं के तहत रिपोर्ट दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू हो गई
- स्थानीय नागरिकों को विस्तार से सूचित किया जाएगा
मुख्यालय से दी गई बुकलेट
साथ ही सभी पुलिसकर्मियों को मुख्यालय से एक बुकलेट दी गई है, जिससे वे भविष्य में नए कानूनों के अनुसार कार्रवाई कर सकें। इससे पूर्व, मुख्यालय की तकनीकी सेवा शाखा ने सीसीटीएनएस को अपग्रेड किया है। इसके अलावा प्रॉसिक्यूसन एंड ई-प्रीजन साफ्टवेयर को भी अपग्रेड किया गया है। अब मुख्यालय स्तर पर नए कानूनों के सफल क्रियान्वयन के लिए नोडल अधिकारी नामित करते हुए समन्वय समिति का गठन किया गया है। इन समितियों के माध्यम से व्यवहारिक कठिनाइयों का समाधान किया जाएगा। प्रदेश के सभी पुलिस थानों पर सोमवार को लोगों को नए कानूनों के बारे में जागरूक करने के लिए कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
लोगों को दी जाएगी जानकारी
वहीं थाना प्रभारियों द्वारा स्थानीय नागरिकों को विस्तार से सूचित किया जाएगा और महिला पुलिस अधिकारियों द्वारा महिलाओं और बच्चों से संबंधित अपराधों के बारे में जानकारी दी जाएगी। इन कार्यक्रमों का प्रचार-प्रसार ध्वनि विस्तारक यंत्रों, सोशल मीडिया, बैनर, पोस्टर और पम्फलेट के माध्यम से किया जाएगा। इन कार्यक्रमों की फोटो और वीडियो को ई-फाइल में संग्रहित किया जाएगा।
एप से जानें सबकुछ
अधिक जानकारी के लिए, नए कानूनों के बारे में मोबाइल एप "एनसीआरबी संकलन ऑफ न्यू क्रिमिनल लॉ" उपलब्ध है, जो गूगल प्ले स्टोर और एप्पल प्ले स्टोर पर डाउनलोड किया जा सकता है। इसमें नए कानूनों के अध्यायों और धाराओं की सूची उपलब्ध है। यह एप ऑफलाइन मोड में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। जानकारी के अनुसार, क्राइम नंबर बदलने की योजना नहीं है। यानी, जो क्राइम नंबर एक बार दिया गया है , वही नंबर आगे भी लागू रहेगा।
सीसीटीएनएस में भी बदलाव
इसके अलावा सीसीटीएनएस में भी बदलाव किया गया है। अब मामला दर्ज होते ही, सीसीटीएनएस सीधे थाना प्रभारियों के मोबाइल पर उस धारा से संबंधित जानकारियों का मैसेज करेगा। इसके अलावा, दस साल से ज्यादा की सजा में हर मामले में फील्ड यूनिट को मौके पर भेजा जाएगा। अब दस साल से ज्यादा की सजा में जैसे ही कोई मामला दर्ज होगा, सीसीटीएनएस से सीधे संबंधित थाना प्रभारी को मौके पर फील्ड यूनिट भेजने का मैसेज स्वतः जारी हो जाएगा।
पीड़ित को किया गया परिभाषित
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में भी पीड़ित शब्द को संक्षेपित कर दिया गया है। पहले केवल उसे पीड़ित माना जाता था जिसके साथ घटना कारित की गई हो, लेकिन अब उसके परिवार को भी पीड़ित माना जाएगा। ऐसे में एफआईआर किसी भी तरह से दर्ज किया जा सकता है।
मोबाइल फोन को मिली मान्यता
वहीं नए क़ानून के अनुसार मोबाइल को भी कानूनी मान्यता मिली है, इससे हर गतिविधि की रिकॉर्डिंग होगी। अब घटना होने के बाद घटना स्थल की वीडियोग्राफी की जाएगी और गिरफ्तारी, बयान, बरामदगी, सर्च अभियान आदि सबकी वीडियोग्राफी होगी। अगर कोई व्यक्ति थाने में घायल अवस्था में है तो उसकी भी वीडियोग्राफी की जाएगी। इसके अलावा अब गिरफ्तारी के समय आरोपी के रिश्तेदार का मोबाइल नंबर भी दर्ज किया जाएगा। गिरफ्तारी के बाद सीधे आरोपी के रिश्तेदार के नंबर पर भी गिरफ्तारी का मैसेज भेजा जा सकेगा।
देश में कहीं से भी दर्ज करा सकेंगे एफआईआर
नए कानून के मुताबिक अब देश भर में कहीं भी एफआईआर दर्ज करने की सुविधा मिलेगी। सॉफ़्टवेयर को इस तरह से तैयार किया गया है कि घटना स्थल के आधार पर एफआईआर स्वतः संबंधित थाने में ट्रांसफर हो जाती है। जहां से मामले की जांच की जाएगी, वहीं से एफआईआर नंबर दर्ज किया जाएगा। इसके अलावा, अगर पीड़ित किसी कारणवश थाने नहीं जा सकता है तो उसे व्हाट्सएप, टेलीग्राम या मेल के माध्यम से भी तहरीर भेजकर एफआईआर दर्ज कराने की सुविधा है। एफआईआर दर्ज होने के बाद पीड़ित के मोबाइल नंबर पर एफआईआर की व्हाट्सएप कॉपी भेज दी जाएगी।
नाबालिग से दुष्कर्म मामले में मृत्युदंड का प्रावधान
इस नए कानून के अनुसार हत्या, दुष्कर्म, एसिड अटैक, बच्चों के यौन शोषण, मानव तस्करी, एनडीपीएस के मामले में पकड़े गए अपराधियों को हथकड़ी पहनाकर अदालत में पेश किया जाएगा। इसके अलावा, जो बंदी पूर्व में हिरासत से भाग चुका है, उसे भी हथकड़ी पहनाकर अदालत में पेश किया जाएगा। इसके साथ ही अब नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में मृत्युदंड की सजा का प्रावधान भी है, जो पहले 20 साल या आजीवन कारावास था।
हर थाने में बनाए जाएंगे नोडल अधिकारी
इन नए कानूनों के तहत हर थाने में एक सब इंस्पेक्टर को नोडल अधिकारी बनाया गया है। साथ ही अब लोगों को इन प्रमुख धाराओं में भी बदलाव को याद रखना होगा। जहां पहले धारा 302 हत्या थी अब 103 (1) है, ठगी या धोखाधड़ी के लिए पहले 420 धारा लगती थी, अब 318(4) है, चोरी के लिए पहले 379 अब 303 (2) व दुष्कर्म पहले 376 थी अब आईपीसी 64 बीएनएस कहा जाएगा।
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