झांसी में एसएनसीयू अग्निकांड के बाद प्रशासन सख्त हो गया है। शनिवार से 150 नर्सिंग होम्स में फायर और विद्युत सुरक्षा ऑडिट शुरू होगा। जांच के 20 बिंदुओं पर रिपोर्ट तैयार की जाएगी, जबकि 43 अस्पताल बिना फायर एनओसी के संचालित हो रहे हैं।
Nov 30, 2024 10:56
https://uttarpradeshtimes.com/jhansi/fire-audit-begins-nursing-homes-after-sncu-traged-43-hospitals-operating-without-noc-52698.html
Jhansi News : महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के एसएनसीयू में हुए भयावह अग्निकांड के बाद अब प्रशासन हरकत में आ गया है। शनिवार से झांसी के सभी निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम्स में फायर ऑडिट शुरू किया जाएगा। अग्निशमन विभाग इस ऑडिट के दौरान 20 महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जांच करेगा। इसके साथ ही विद्युत सुरक्षा की भी गहन पड़ताल की जाएगी।
एसएनसीयू में आग से 18 नवजातों की मौत
15 नवंबर को महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के एसएनसीयू (स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट) में आग लगने से 10 नवजातों की मौके पर मौत हो गई थी। इसके बाद इलाज के दौरान 8 और नवजातों ने दम तोड़ दिया। इस त्रासदी के बाद शासन ने राज्यभर के सरकारी और निजी अस्पतालों में फायर और विद्युत सुरक्षा का ऑडिट करने के निर्देश जारी किए।
फायर ऑडिट के 20 बिंदु
फायर ऑडिट के तहत अग्निशमन विभाग अस्पतालों में आग से बचाव के लिए लगाए गए उपकरणों और व्यवस्थाओं की जांच करेगा।
जांच के मुख्य बिंदु:
- स्प्रिंकलर सिस्टम और फायर अलार्म की स्थिति
- फायर हाइड्रेंट और हॉज पाइप का रखरखाव
- आकस्मिक द्वार (फायर एग्जिट) की स्थिति
- स्टाफ को आग से बचाव का प्रशिक्षण
- स्मोक डिटेक्टर और ऑक्सीजन सिलिंडर की स्थिति
- विद्युत लोड और हाईपावर उपकरणों की सुरक्षा जांच
मुख्य अग्निशमन अधिकारी राजकिशोर राय ने बताया कि ऑडिट के बाद विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाएगी, और सुरक्षा मानकों का पालन न करने वाले नर्सिंग होम्स पर कार्रवाई की जाएगी।
43 नर्सिंग होम बिना फायर एनओसी के चल रहे
झांसी में करीब 150 निजी अस्पताल और नर्सिंग होम्स हैं, जिनमें से 43 बिना फायर एनओसी के चल रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने इन्हें कई बार नोटिस जारी किए, लेकिन अब तक किसी पर सख्त कार्रवाई नहीं हुई है। अग्निकांड के बाद प्रशासन ने इन नर्सिंग होम्स पर भी सख्ती दिखाने के संकेत दिए हैं।
फायर सुरक्षा की अनदेखी खतरनाक साबित हो सकती है
एसएनसीयू अग्निकांड ने झांसी ही नहीं, पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया। ऐसे में फायर और विद्युत सुरक्षा को लेकर की जाने वाली यह पहल न केवल ज़रूरी है बल्कि यह भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने में सहायक होगी।