फेसबुक पर हनी ट्रैप का खेल : साइबर अपराधी गिरोह का पर्दाफाश, तीन गिरफ्तार

साइबर अपराधी गिरोह का पर्दाफाश, तीन गिरफ्तार
सोशल मीडिया | फेसबुक पर लड़की बनकर करते थे दोस्ती

Sep 30, 2024 07:32

फेसबुक पर लड़की बनकर करते थे दोस्ती, फिर अश्लील वीडियो बनाकर लोगों को करते थे ब्लैकमेल। पुलिस ने किया साइबर अपराधी गिरोह का भंडाफोड़।

Sep 30, 2024 07:32

Lalitpur News : फेसबुक और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग कर साइबर अपराध करने वाले एक अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। जखौरा पुलिस और साइबर क्राइम टीम की संयुक्त कार्रवाई में तीन साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने इनके पास से सात मोबाइल, 37,600 रुपये नकद, 13 सिम कार्ड और पांच डेबिट कार्ड बरामद किए हैं।

कैसे करते थे अपराध?
साइबर अपराधी सोशल मीडिया पर लड़कियों के नाम से फर्जी अकाउंट बनाकर लड़कों से दोस्ती करते थे। दोस्ती के बाद व्हाट्सएप और वीडियो कॉल के जरिए अश्लील वीडियो दिखाकर उनकी रिकॉर्डिंग कर लेते थे। इसके बाद पीड़ितों को ब्लैकमेल कर उनसे मोटी रकम की मांग की जाती थी। यदि पीड़ित पैसे नहीं देते, तो वीडियो को वायरल करने की धमकी दी जाती थी। यह गिरोह हनी ट्रैप का इस्तेमाल कर लोगों को फंसाता था।

पुलिस की रणनीति और गिरफ्तारी
एसपी मोहम्मद मुश्ताक के निर्देशन में साइबर क्राइम थाना और जखौरा पुलिस इस गिरोह की तलाश में जुटी थी। रविवार को पुलिस टीम ने तीन साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार किए गए आरोपियों के नाम ब्रजेन्द्र रजक (ग्राम कछउवां, शिवपुरी, मध्य प्रदेश), नीलेश रजक (ग्राम अडवाहा, जखौरा), और अंकित रजक (सलैय्या, शिवपुरी, मध्य प्रदेश) बताए जा रहे हैं। पुलिस के अनुसार, यह गिरोह लंबे समय से लोगों को अपने जाल में फंसाकर ब्लैकमेल कर रहा था।

पुलिस बनकर धमकाते थे
इस गिरोह का एक और हथकंडा था कि वे पुलिस के नाम से पीड़ितों को धमकाते थे। वे पुलिस कार्रवाई का डर दिखाकर पीड़ितों से गूगल पे, फोन पे, या बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर करने के लिए दबाव बनाते थे। इसके लिए वे क्यूआर कोड और अन्य डिजिटल माध्यमों का इस्तेमाल करते थे।

पुलिस की अपील: सोशल मीडिया पर सतर्क रहें
एसपी मोहम्मद मुश्ताक ने आम जनता से अपील की है कि सोशल मीडिया पर सतर्कता बरतें। किसी अनजान व्यक्ति से आई फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार करने से पहले उसकी पूरी जांच पड़ताल करें। अनजान नंबर से आई वीडियो कॉल को रिसीव न करें और किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें। उन्होंने कहा कि लोग साइबर अपराध से बचाव के लिए खुद जागरूक रहें और अपने दोस्तों, रिश्तेदारों को भी इसके प्रति सतर्क करें।

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