पुलिस के हत्थे चढ़ा साइबर अपराधी : फर्जी इंस्पेक्टर बनकर करता था ठगी, 15 दिन की ली थी ट्रेनिंग

फर्जी इंस्पेक्टर बनकर करता था ठगी, 15 दिन की ली थी ट्रेनिंग
UPT | पुलिस ने साइबर अपराधी को किया गिरफ्तार

Sep 09, 2024 18:30

यह ठग खुद को पुलिस इंस्पेक्टर बताकर लोगों से पैसे ऐंठ रहा था। आरोपी के खिलाफ एक पीड़ित की शिकायत के बाद पुलिस ने उसके खाते को फ्रीज कर लिया और पीड़ित को 60 हजार रुपये वापस दिलवाए...

Sep 09, 2024 18:30

Short Highlights
  • पुलिस ने हवाई पट्टी के पास से एक साइबर अपराधी को गिरफ्तार किया
  • अपराधी के गिरोह का खोला राज
  • साइबर अपराधियों को दी जाती है ठगी की ट्रेनिंग
Lalitpur News : ललितपुर में एक साइबर ठग को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। यह ठग खुद को पुलिस इंस्पेक्टर बताकर लोगों से पैसे ऐंठ रहा था। आरोपी के खिलाफ एक पीड़ित की शिकायत के बाद पुलिस ने उसके खाते को फ्रीज कर लिया और पीड़ित को 60 हजार रुपये वापस दिलवाए। बताया जा रहा है कि यह ठग नए तरीके से लोगों को ठगी का शिकार बना रहा था, जिससे स्थानीय पुलिस ने उसकी गतिविधियों पर ध्यान दिया और कार्रवाई की।

ऐसे करते थे ठगी
इस ठगी के मामले में, आरोपी साइबर ठग मुकदमों के वादियों को फोन करके खुद को एक पुलिस इंस्पेक्टर बताता था। वह आरोपियों की गिरफ्तारी का दावा करते हुए वादी से खर्चा और अन्य कारणों से पैसे ट्रांसफर करवा लेता था। हाल ही में, एक ग्रामीण ने पुलिस को सूचित किया कि आरोपी ने उसके पैसे इसी तरीके से ऐंठे हैं। साइबर क्राइम थाना ने मामले की जांच शुरू की और पता चला कि आरोपी सुमित यादव था, जो मध्य प्रदेश के जनपद निवाड़ी का निवासी है।
हवाई पट्टी के पास से हुआ गिरफ्तार
वहीं पुलिस ने रविवार को सुमित यादव को हवाई पट्टी के पास से गिरफ्तार कर लिया। उसकी गिरफ्तारी के साथ ही उसके खाते से 60 हजार रुपये फ्रीज कर पीड़ित को वापस किए गए। गिरफ्तार करने वाली टीम में साइबर क्राइम थाना के प्रभारी निरीक्षक शावेज खान, उपनिरीक्षक राहुल सिंह और गौतम पूनिया शामिल थे। उनकी तत्परता और मेहनत के कारण पीड़ित को उसकी राशि वापस मिल सकी।

लोगों को कार्रवाई का डर दिखाकर करते थे ठगी
साइबर अपराधी सुमित यादव ने पुलिस के सामने खुलासा किया कि उसका एक संगठित गिरोह है, जो लोगों को यूपी कॉप एप के माध्यम से थानों में पंजीकृत मुकदमों की जानकारी प्राप्त करता है। इसके बाद, वह वादियों को फोन करके खुद को पुलिस अधिकारी बताता था और पैसे मांगता था। उसने बताया कि वह लोगों को आश्वस्त करता था कि वह जल्दी से कोर्ट में वारंट जारी करवा देगा।

साइबर अपराध के लिए दी जाती है ट्रेनिंग
इतना ही नहीं, सुमित ने बताया कि गिरोह के सदस्यों को साइबर ठगी के लिए 15 दिनों की ट्रेनिंग दी जीती है। इस प्रशिक्षण में उन्हें सिखाया गया कि कैसे लोगों को ठगने के लिए बात की जाए, ताकि कोई शक न हो। इसके जरिए गिरोह ने कई लोगों को ठगी का शिकार बनाया था। फिलहाल, पुलिस मामले से जुड़े अन्य लोगों को पकड़ने के कार्रवाई कर रही है।

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