उत्तर मध्य रेलवे ने भारतीय रेलवे के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ा है। कवच तकनीक से लैस वंदे भारत का पहला वाणिज्यिक परिचालन शुरू हो गया है। अब यात्री और अधिक सुरक्षित और तेज यात्रा का आनंद ले सकते हैं।
रेल यात्रा हुई और सुरक्षित : कवच तकनीक से लैस वंदे भारत का सफल परीक्षण
Sep 13, 2024 01:08
Sep 13, 2024 01:08
क्या है कवच प्रणाली
कवच प्रणाली एक स्वदेशी तकनीक है जो ट्रेनों की टक्कर को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह प्रणाली ट्रेन को स्वचालित रूप से रोक देती है अगर कोई ट्रेन सिग्नल को अनदेखा करके आगे बढ़ने की कोशिश करती है या अगर दो ट्रेनें एक ही ट्रैक पर आ जाती हैं।
कैसे हुई यह उपलब्धि
इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए उत्तर मध्य रेलवे ने सेक्शन में कवच साइट इंस्टॉलेशन, परीक्षण गतिविधियां, लोको सिम्युलेटर का उपयोग करके एफएटी और सैटिंग आदि जैसे कई महत्वपूर्ण कार्य किए। इसके अलावा, आईएसए टेस्ट केस विटनेसिंग, कवच लोको ट्रायल और अंतिम आईएसए रिपोर्ट पर प्रधान मुख्य संकेत एवं दूरसंचार इंजीनियर का स्वीकृति प्राधिकरण प्राप्त करने जैसी कई प्रक्रियाएं भी पूरी की गईं।
कितने लोगों को दिया गया प्रशिक्षण
इस परियोजना के सफल क्रियान्वयन के लिए उत्तर मध्य रेलवे के तीनों मंडलों के 192 लोको पायलटों/ सहायक लोको पायलटों/ लोको निरीक्षकों को कवच प्रशिक्षण दिया गया है। इनमें से 51 हाई स्पीड क्रू को भी कवर किया गया है।
क्या है इस उपलब्धि का महत्व?
यह उपलब्धि भारतीय रेलवे के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इससे यात्रियों की सुरक्षा में काफी सुधार होगा और रेल यात्रा और अधिक सुरक्षित और विश्वसनीय बन जाएगी। इसके साथ ही, यह स्वदेशी तकनीक के विकास में भी एक महत्वपूर्ण योगदान है।
आगे का रास्ता
उत्तर मध्य रेलवे का लक्ष्य है कि वह अपने पूरे नेटवर्क में कवच प्रणाली को लागू करे। इससे न केवल यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी बल्कि रेलवे की दक्षता में भी सुधार होगा।
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