उत्तर प्रदेश की जमीन पर बनेगा चीता कॉरिडोर : इन राज्यों में फैलेगा देश का सबसे बड़ा जंगल, जानिए प्रॉजेक्ट की पूरी जानकारी

इन राज्यों में फैलेगा देश का सबसे बड़ा जंगल, जानिए प्रॉजेक्ट की पूरी जानकारी
UPT | Symbolic Image

Sep 20, 2024 13:56

भारत का लक्ष्य अगले 25 वर्षों में मध्य प्रदेश और राजस्थान के कूनो-गांधी सागर क्षेत्र में एक अंतर-राज्यीय चीता संरक्षण परिसर का निर्माण करना है। इस परियोजना में मध्य प्रदेश के 8, राजस्थान...

Sep 20, 2024 13:56

Jhansi News : भारत का लक्ष्य अगले 25 वर्षों में मध्य प्रदेश और राजस्थान के कूनो-गांधी सागर क्षेत्र में एक अंतर-राज्यीय चीता संरक्षण परिसर का निर्माण करना है। इस परियोजना में मध्य प्रदेश के 8, राजस्थान के 7, और उत्तर प्रदेश के 2 जिलों को शामिल किया जाएगा। इसके अलावा कूनो से गांधी सागर के बीच चीता कॉरिडोर बनाने का कार्य अगले 5 साल में शुरू किया जाएगा। यह जानकारी 'प्रोजेक्ट चीता' की 2023-24 वार्षिक प्रगति रिपोर्ट में साझा की गई है।


राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की रिपोर्ट
17 सितंबर को राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण द्वारा जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि इस वर्ष के अंत तक गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य में चीतों का एक नया समूह लाए जाने की संभावना है। इन चीतों को अगले पांच साल तक खुले वातावरण में छोड़ने की योजना है। 'गांधी सागर में चीता लाने की कार्य योजना' के अनुसार पहले चरण में 5 से 8 चीतों को 64 वर्ग किलोमीटर के शिकारी-रोधी बाड़ वाले क्षेत्र में छोड़ा जाएगा। जहां प्रजनन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। 

UP के 2 जिलों के जंगल होंगे शामिल
कूनो-गांधी सागर क्षेत्र में मध्य प्रदेश के श्योपुर, शिवपुरी, ग्वालियर, मुरैना, गुना, अशोकनगर, मंदसौर और नीमच जिलों और राजस्थान के बारां, सवाई माधोपुर, करौली, कोटा, झालावाड़, बूंदी और चित्तौड़गढ़ जिलों को शामिल किया गया है। इसके अलावा मध्य प्रदेश के भिंड और दतिया जिले, राजस्थान का धौलपुर और उत्तर प्रदेश के ललितपुर और झांसी को भी इस परिसर का हिस्सा बनाने की योजना है। जो चीते किस प्रकार का व्यवहार करते हैं। इस पर निर्भर करेगा।

चीतों के अगले समूह के लिए शुरू हुआ काम
अधिकारियों ने 368 वर्ग किलोमीटर के गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य को चीतों के अगले समूह के लिए तैयार करने का कार्य शुरू कर दिया है। इस समय कूनो में चीतों को केवल 0.5 से 1.5 वर्ग किलोमीटर के आकार वाले बाड़ों के अंदर रखा गया है। हाल ही में तीन चीतों की मौत 'सेप्टीसीमिया' संक्रमण के कारण हुई। जिसमें एक मादा चीता और दो नर चीतों शामिल थे। यह संक्रमण तब होता है जब बैक्टीरिया रक्तप्रवाह में प्रवेश करते हैं और फैलते हैं।

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