कानपुर को उन्नाव के शुक्लागंज से जोड़ने वालें पुल का एक हिस्सा भरभरा कर गिर गया। यह पुल अंग्रेजों के जमाने का बना हुआ था। पुल बीते साल से जर्जर हालत में खड़ा था। प्रशासन ने इस पुल को साढ़े तीन साल पहले अवगमन के लिए बंद कर दिया था।
अंग्रेजों के जमाने का पुल: 150 साल पुराना गंगापुल का एक हिस्सा गंगा में समाया, जर्जर हालत में बंद कराया गया था
Nov 26, 2024 13:47
Nov 26, 2024 13:47
पुराने गंगापुल को अंग्रेजों ने डिजाइन किया था। 150 साल पहले अंग्रेजों ने कानपुर को उन्नाव से जोड़ने के लिए इस पुल का निर्माण कराया था। पुल का निर्माण दो खंड में कराया गया था। पुल के सबसे ऊपरी हिस्से से वाहनों का अवगमन होता था। इसके निचले हिस्से में पैदल मार्ग था। पैदल आने जाने वाले लोग नीचे हिस्से का इस्तेमाल करते थे।
पुल को जर्जर घोषित कर दिया गया था
बीते पांच अप्रैल 2021 को पुराने गंगापुल की चार कोठीयों में दरार आने की वजह से पुल से गुजरने वाले वाहनों और पैदल पुल को बंद कर दिया गया था। इसके बाद इसे चालू कराने के लिए काफी प्रयास किए गए। लेकिन पीडब्ल्यूडी ने पुल को जर्जर घोषित कर दिया। पूर्व नगर आयुक्त शिवशरप्पा जीएन ने इसी पुराने गंगा पुल के गेट को सेल्फी पॉइंट के रूप में विकसित किया था। लेकिन यह योजना धरातल पर नहीं उतर पाई थी।
पुल की मियाद खत्म हो गई थी
कानपुर शुक्लागंज गंगापुल को करीब साढ़े तीन साल पहले बंद कर दिया गया था। पुल की कोठीयों में लगातार दरारें बढ़ रहीं थीं। इंजीनियरों का भी मानना था कि पुल की मियाद लगभग खत्म हो गई है। कानपुर और शुक्लागंज दोनों छोड़ पर दीवार उठा दी गई थी, ताकि कोई धोखे में भी पुल का इस्तेमाल ना कर सके।
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