रक्षा मंत्रालय आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस तकनीक का सटीक इस्तेमाल करने जा रहा है। डीएफएमएस के जरिए सशस्त्र बलों के ड्राइवरों की झपकी, उबासी, पलक झपकने की दर, ऊघने, सिर घुमाने के मूवमेंट का पता लगाया जाएगा। जिससे किसी भी दुर्घटना को रोका जाएगा।
Artificial Intelligence : AI तकनीक के जरिए रक्षा मंत्रालय ड्राइवरों पर रखेगी नजर, उबासी-झपकी ली तो अधिकारियों को मिलेगा इनपुट, हादसों पर लगेगी रोक
May 27, 2024 00:17
May 27, 2024 00:17
वाहन चालकों को थकान होने के कारण उबासी और झपकी आने लगती है। जिसकी वजह से हादसे हो जाते हैं। हादसों को रोकने के लिए आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस बड़ी भूमिका अदा करने जा रहा है। इस तकनीक को बेंगलुरु की बीईएमएल लिमिटेड ने विकसित किया है। यह वाहन चालकों की हर एक गतिविधी पर नजर रखेगा। यह चालकों के असहज स्थित का अहसास होने पर तत्काल कंट्रोल रूम को अलर्ट कर देगा।
फेस रीडिंग करेगा
जानकारी के मुताबिक ड्राइवर के केबिन में स्वचलित कैमरा होगा। कैमरे का एक लेंस ड्राइवर के चेहरे को पढ़ने का काम करेगा। इसमें लगाई गई प्रणाली वीडियो के हावभाव को समझने का काम करेगी। चालक की हर एक गतिविधी जैसे थकान, झपकी, उबासी, पलक झपकने की दर, ऊघनें, सिर घुमाने के मूवमेंट को मॉनिटरिंग करता रहेगा। इंफ्रारेड के जरिए चेहरे के तापमान पर नजर रहेगी। यह तकनीक भरपूर नींद ले चुके एक्टिव शख्स के चेहरे से मिलान कर उसका आकलन करेगी। असमान्य लक्षण देखकर नोडल अधिकारी के मोबाइल पर अलर्ट भेज देगी।
आपात स्थित में सटीक आकलन
रक्षा मंत्रालय की मांग पर इस प्रणाली को विकसित कराया गया है। इसका इस्तेमाल पहले सेना और सशस्त्र बलों के ड्राइवरों पर होगा। युद्ध या फिर किसी आपात स्थित में यह प्रणाली सटीक आकलन कर हादसों को रोकने का काम करेगी। इसके बाद इस तकनीक का इस्तेमाल परिवहन और निजी और सार्वजनिक उपक्रमों में किया जाएगा।
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