जाजमऊ आगजनी मामले में सपा विधायक इरफान सोलंकी आरोप हैं। आगजनी मुकदमें का निस्तारण छह महीने में होना था। लेकिन डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी फैसला नहीं आ सका। इससे आहत होकर वादिनी ने सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट, प्रशासनिक न्यायमूर्ति और जिलाजज को पत्र लिखकर मुकदमें के निस्तारण की मांग की है।
Kanpur News: इरफान सोलंकी मामले में छह महीने में आना था फैसला, वादिनी ने सुप्रीमकोर्ट—हाईकोर्ट को लिखा पत्र, डेढ़ साल बाद भी नहीं मिला न्याय
May 24, 2024 16:15
May 24, 2024 16:15
जाजमऊ आगजनी मामले में फैसला नहीं आने से परेशान वादिनी की बेटी ने सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश और प्रशासनिक न्यायमूर्ति को पत्र भेजा है। इसके साथ ही जिलाजज और पुलिस कमिश्नर को पत्र भेजकर न्याय की मांग की है। वादिनी का कहना है कि छह महीने में मुकदमें का निस्तारण होना था। लेकिन डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी फैसला नहीं आया है। विरोधी पक्ष लगातार परिवार पर दबाव बना रहे हैं।
बहस—गवाही हो चुकी है पूरी
जाजमऊ आगजनी मामले में नजीर फातिमा वादिनी हैं। उनकी बेटी कनीज जेहरा ने पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगाई है। उनका कहना है कि हाईकोर्ट ने छह महीने में मुकदमें का निस्तारण करने के आदेश दिए थे। जबकि इस मुकदमें में बहस और गवाही पूरी हो चुकी है। इसके साथ ही 09वीं बार फैसले की तारीख को टाला जा चुका है। वहीं, विपक्षी बरी होने का दावा कर रहे हैं।
क्या था मामला
जाजमऊ थाना क्षेत्र स्थित डिफेंस कॉलोनी में रहने वाली नजीर फातिमा का प्लाट है। नजीर फातिमा का परिवार प्लाट में ट्टर और छप्पर डालकर रहता है। नजीर फातिमा ने आरोप लगाया था कि सपा विधायक और उनके भाई प्लाट पर कब्जा करना चाहते थे। बीते 7 नवंबर 2022 (सोमवार) को परिवार के साथ एक शादी समारोह में शामिल होने के लिए गए थे। इसी बीच विधायक और उनके भाई ने झोपड़ी में आग लगा दी। पुलिस ने आईपीसी की धारा 147, 327, 427, 386, 504, 436, 506 और 120 के तहत मुकदमा किया था। इस मामले में इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान समेत सभी आरोपी जेल में हैं। इरफान महाराजगंज जेल में बंद हैं।
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