साइबर पुलिस टीम ने केमिकल कारोबारी से हुई साइबर ठगी के मामले को लेकर बड़ी सफलता हासिल की है।साइबर टीम ने 10.95 लाख की हुई ठगी के मामले में कार्रवाई करते हुए एक हफ्ते के अंदर कारोबारी का पूरा पैसा वापस करा दिया है।
साइबर पुलिस टीम का सराहनीय कार्य : केमिकल कारोबारी के गायब हुए 10.95 लाख रुपये कराए वापस, जानें ठगों ने कैसे दिया था घटना को अंजाम
Nov 26, 2024 21:34
Nov 26, 2024 21:34
Kanpur News : कानपुर कमिश्नरेट की साइबर थाने की पुलिस टीम का एक सराहनीय कार्य देखने को मिला है।साइबर पुलिस टीम ने केमिकल कारोबारी से हुई साइबर ठगी के मामले को लेकर बड़ी सफलता हासिल की है।साइबर टीम ने 10.95 लाख की हुई ठगी के मामले में कार्रवाई करते हुए एक हफ्ते के अंदर कारोबारी का पूरा पैसा वापस करा दिया है।इसके बाद कारोबारी ने साइबर पुलिस टीम के द्वारा किये गए कार्य को लेकर आभार जताया है।
एक हफ्ते में वापस हुआ कारोबारी का पैसा
जानकारी के मुताबिक तिलक नगर निवासी माधव माथुर केमिकल कारोबारी है।उनकी पत्नी पूजा माथुर हैं। 20 नवंबर को पति पत्नी ने साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई की सुबह 7:00 बजे जब पति नींद से जागे तो उनके करंट अकाउंट से इंटरनेट बैंकिंग में छेड़छाड़ करके 10.95 लाख रुपए निकाल दिए गए।इसके बाद जब उन्हें घटना की जानकारी हुई तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। इसके बाद उन्होंने इस संबंध में साइबर थाने में शिकायत की थी। जिसके बाद साइबर पुलिस ने मामले को संज्ञान लेते हुए एक हफ्ते के अंदर केमिकल कारोबारी का पूरा पैसा वापस कर दिया।
एसीपी क्राइम ने दी जानकारी
वही एसीपी क्राइम मोहसिन खान ने बताया कि कारोबारी के मोबाइल पर किसी ने एप के जरिए एपीके फाइल डाल दी थी। जिसके कारण उनके मोबाइल पर ओटीपी भी नहीं आ रहा था और इंटरनेट बैंकिंग के ट्रांजैक्शन की डिटेल भी नहीं मिल रही थी। उसी का फायदा उठाकर रुपए निकाले गए। एसीपी क्राइम ने बताया कि पीड़ित के मोबाइल की लॉक फाइल निकलवाई जाएगी। इसके अलावा उनके फोन की स्कैनिंग कराई जाएगी कि किसने कब कहां और कैसे एपीके फाइल कि ऐप डाउनलोड की थी इसका पता किया जाएगा।
एसीपी क्राइम मोहसिन खान ने बताया कि पीड़ित ने गोल्डन ऑवर में शिकायत दर्ज कर दी थी। जिसके कारण बैंक से बातचीत करने के बाद खाते की जानकारी जुटा गई तो पता चला कि साइबर ठगों द्वारा ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफार्म पर ऑनलाइन शॉपिंग कर ली गई है।एसीपी ने बताया कि ऑनलाइन शॉपिंग के मर्चेंट को ईमेल पत्राचार किया गया तथा मर्चेंट कंपनी के दिल्ली,मुंबई,बेंगलुरु स्थित मुख्यालय के नोडल ऑफिसर से बात की गई।शॉपिंग की रकम को तत्काल फ्रीज कराया गया।