कानपुर में रविवार रात कालिंदी एक्सप्रेस को उड़ाने की साजिश की जांच कर रहीं एजेंसियां हर पहलू पर नजर बनाए हुए हैं। कालिंदी एक्सप्रेस को उड़ाने का प्लान बनाने के तार अब पश्चिम बंगाल से जुड़ते दिख रहे हैं। यही नहीं...
Kanpur News : ट्रेन उड़ाने की नाकाम साजिश, डीप स्टेट गैंग पर पहुंची जांच एजेंसियों की नजर...
Sep 12, 2024 02:00
Sep 12, 2024 02:00
जांच का दायरा बढ़ा
जांच एजंसियों ने फर्रुखाबाद से लेकर कानपुर व कानपुर से लेकर लखनऊ और गोरखपुर तक अपना जाल बिछा दिया है। जांच एजेंसी का मानना है कि शिवराजपुर के मुंडेरी गांव के पास जिस समय कालिंदी एक्सप्रेस सिलेंडर से टकराई, उसके बाद इलाके को सील करने में कई घंटे का समय लगा होगा। हादसे से कुछ घंटे पहले ही दूसरी ट्रेन फर्रुखाबाद की तरफ पास हुई होगी। इसके बाद ही ट्रैक पर सिलेंडर रखा गया होगा। दहशतगर्दों का मंसूबा था कि ज्यादा से ज्यादा जनहानि हो, इसलिए उन्होंने सवारी गाड़ी को टारगेट पर लिया। हालांकि रेलवे ट्रैक पर लगे कॉशन ने उनके मंसूबे पर पानी फेर दिया। कालिंदी एक्सप्रेस से सिलेंडर टकराने व पुलिस के अलर्ट होने पर जितना समय लगा, उतने में दहशतगर्त कहां तक जा सकते हैं, इस पर भी जांच एजेंसियां पड़ताल कर रहीं हैं।
पश्चिम बंगाल में बनाई प्लानिंग
अब तक की जांच में यह अनुमान लगाया जा रहा है कि ट्रेन में धमाके की प्लानिंग पश्चिम बंगाल में बनाई गई है। दहशतगर्दों का नेपाल बॉर्डर को पार करने का भी अनुमान लगाया जा रहा है। पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार ने बताया कि अब तक पुलिस की जांच का दायरा कुछ किलोमीटर तक सीमित था, लेकिन अब जांच का दायरा बढ़ा दिया गया है। आसपास के जिलों के कप्तानों से संपर्क किया गया है। वह भी अपने जिलों में इस हादसे के संबंध में जांच कराएंगे।
कोडिंग में होती है बात
एजेंसियां आतंकी साजिद से इतर कानपुर और आसपास तेजी से पनप रहे डीप स्टेट गैंग पर भी ध्यान केंद्रित कर जांच कर रहीं हैं। बता दें कि डीप स्टेट गैंग के लोग सोशल मीडिया पर एक्टिव रहते हैं। वह कोडिंग में एक दूसरे को संदेश भेजते हैं। उनकी बातें हर कोई नहीं समझ पाता। सुरक्षा एजेंसियों की मानें तो इसे समझने के लिए गैंग के सदस्य एक दूसरे के पास जाते हैं। ऐसे में एनआईए व एटीएस की टीमें सोशल मीडिया से जुड़े लोगों की जानकारी कर रही है, जो इनकी कोडिंग को आसानी से समझ सकते हैं। डीप स्टेट गैंग में शाहरुख का नाम सामने आया है। शाहरुख व उसके पिता को पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ की थी। हालांकि पिता से कोई जानकारी न मिलने पर पुलिस ने छोड़ दिया। बताया गया है कि हिस्ट्रीशीटर शाहरुख जिलाबदर था और इसके बावजूद वह 5 दिनों से शिवराजपुर इलाके में दिखाई दे रहा था।
ऐसे काम करता है डीप स्टेट गैंग
जानकारी के मुताबिक, डीप स्टेट शब्द का प्रयोग ऐसे वर्ग के लिए किया जाता है, जो समानांतर सरकार चलाने या सरकार को बदनाम करने के लिए प्रोपेगेंडा फैलाने का काम करता है। माना जा रहा है कि पिछले दिनों बांग्लादेश में हुए तख्त पलट के पीछे इसी ग्रुप का हाथ था। डीप स्टेट का चुनाव विशेष कर अमेरिका, चीन जैसे मजबूत देशों से है, जो अपने हितों के लिए दूसरे देशों में अस्थिरता पैदा करते हैं। डीप स्टेट गैंग स्थानीय लोगों को ही बरगला कर उनसे राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को अंजाम दिलवाते हैं।
ट्रैक पर मिला था 8 ग्राम गन पाउडर
जांच में जुटी पुलिस को ट्रैक पर मिले 8 ग्राम ग्रे कलर के पाउडर की असलियत भी पता चल गई है। यह ग्रे पाउडर क्रैकर्स में यूज होने वाला गन पाउडर बताया जा रहा है। इस गन पाउडर का यूज केवल चिंगारी बनाना था। इससे निकलने वाली चिंगारी पेट्रोल की बोतल और फिर पेट्रोल के रेलवे ट्रैक पर फैलने के बाद आग भड़काने का था। एलपीजी से आग इतनी लग जाती कि रेलवे ट्रैक पर हर तरफ आग ही आग दिखाई पड़ती। एक्सपर्ट्स की मानें तो कालिंदी एक्सप्रेस के अचानक ब्रेक मारकर रोकने और उसके पलटने के बाद आग लग सकती थी।
साजिशकर्ताओं के लिए आसान टारगेट
अनवरगंज कासगंज रोड में आबादी कम होने की वजह से ही साजिशकर्ताओं के लिए आसान टारगेट था। इस रेलवे ट्रैक के बराबर से कानपुर अलीगढ़ हाइवे गुजरता है। जहां हादसा हुआ, उसके बराबर हाइवे पर नवादा टोल प्लाजा है। यहां से 200 मीटर पहले एक आरसीसी रोड है। हादसे के करीब 300 मीटर दूर हाइवे किनारे एक पेट्रोल पंप है। रेलवे ट्रैक से करीब 800 मीटर दूर दाहिनी तरफ कंठी निवादा और बाईं तरफ मुंडेरी गांव हैं। ट्रैक के पैरलर एक रोड इन गांवों को अलीगढ़ हाइवे जोड़ती है। रेलवे ट्रैक के पास कोई आबादी नहीं है, ऐसे में भागना आसान था।
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