उत्तर प्रदेश के कानपुर स्थित GSVM मेडिकल कॉलेज की है, जहां परीक्षाओं के दौरान हाई-टेक नकल का मामला सामने आया। सीनियर छात्रों ने जूनियर छात्रों को परीक्षा में नकल कराने के लिए चश्मों में कैमरा लगाकर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का इस्तेमाल किया।
कानपुर में चश्मे में कैमरा लगाकर बता रहे थे प्रश्नों के उत्तर : सीनियर छात्र नकल कराते पकड़े गए, GSVM मेडिकल कॉलेज ने रद्द की परीक्षाएं
Dec 19, 2024 19:12
Dec 19, 2024 19:12
छत्रपति साहूजी महाराज विश्वविद्यालय ने जीएसवीएम मेडिकल को परीक्षा केंद्र बनाया था। इसमें एमएमसी के एमबीबीएस फाइनल ईयर (वर्ष 2019 बैच) के 95 छात्र-छात्राओं की प्रैक्टिकल परीक्षाएं हो रहीं थीं। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ संजय काला ने बताया कि मंगलवार को मेडिसिन की प्रैक्टिकल परीक्षा हुई थी। बुधवार को सर्जरी और बालरोग की परीक्षा थी। गुरुवार को स्त्री रोग की परीक्षा थी।
सत्यापन के लिए आए थे चार छात्र
विश्वविद्यालय के पास फोन आया था कि प्रैक्टिकल परीक्षाओं में नकल हो रही है। नकल की जांच के लिए जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज प्रबंधन से जांच के लिए कहा गया था। बुधवार को जब इसकी जांच की गई तो पता चला कि रोहित नाम के शख्स ने ईमेल भेजा था। इसके बाद मेल से भेजी गई फोटो की जांच की गई। परीक्षार्थियों के सत्यापन के लिए एसएमसी के चार सीनियर मेडिकल छात्र पर शक हुआ, इनमें दो छात्राएं हैं। पूछताछ में इन्होंने अपनी गलती मानी है।
चारों परीक्षाएं रद्द की गईं
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ संजय काला ने बताया कि सीनियर छात्रों को परीक्षार्थियों के सत्यापन के लिए भेजा गया था। उनका काम पुष्टि करना था कि छात्र एमएससी के हैं। इसका खुलासा होने के बाद चारो परीक्षाएं रद्द कर दी गईं हैं। इसके साथ ही छत्रपति साहूजी महाराज विश्वविद्यालय से मना कर दिया गया है कि कॉलेज में एसएमसी की परीक्षाएं नहीं कराएंगे।
ईमेल में आई फोटो
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ संजय काला ने मेल में आई जूते और जींस की फोटो देखकर नकल कराने का मामला खोल दिया। उन्होंने बताया कि मेल में जो फोटो आई थी। उसकी जांच करते वक्त एक सीनियर छात्र नए किस्म के जूते और जींस में दिखा। इसपर सभी वरिष्ठ चिकित्सा शिक्षिकों को बुलाया और कुछ देर के लिए परीक्षा रोक दी।
जूते और जींस वाला छात्र
परीक्षार्थियों को एक-एक कर चेक किया गया, तो वह नए किस्म के जूते और जींस वाला छात्र मिला गया। उसको बुलाकर पूछताछ की, तो उसने अपने तीन साथियों के नाम बताए। सभी ने मोबाइल से प्रश्न और उत्तर वाली फोटो डिलीट कर दी थी। दोषी छात्रों से कहा गया कि फोटो रिकवर कराकर उनकी रिपोर्ट एसएमसी को भेजेंगे तो वो टूट गए, और पूरी सच्चाई सामने रख दी।
नकल का तरीका
प्राचार्य डॉ संजय काला ने बताया कि जांच में पाया गया कि दोषी छात्र परीक्षार्थियों के पास जाता था। उसकी प्रैक्टिकल की कॉपी उपकरण, प्रश्नों की फोटो खींचकर व्हाट्सएप ग्रुप में डाल देता था। उसी ग्रुप में उत्तर आ जाता था। परीक्षा कक्ष में मौजूद अन्य तीन साथी भी ग्रुप में थे। ऐसे में सभी परीक्षार्थियों को उत्तर बता देते थे।
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