डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि ई-आफिस प्रणाली से पुलिस महकमे के भीतर होने वाली समस्त प्रशासनिक प्रक्रियायें आधुनिक हो जाएंगी। इससे पारदर्शिता के साथ ही जवाबदेही भी तय होगी। उन्होंने एसपी कन्नौज के प्रयासों की सराहना की।
कन्नौज के लिए बड़ी उपलब्धि : ई-आफिस प्रणाली लागू करने वाला प्रदेश का पहला जिला बना, डीजीपी ने प्रयास को सराहा
Dec 25, 2024 22:46
Dec 25, 2024 22:46
डीजीपी बोले-पारदर्शिता के साथ ही जवाबदेही भी तय होगी📌DGP Sir inaugrated the eOffice implementation @kannaujpolice via VC.
— Amit Kumar Anand IPS (@AmitKAnandIPS) December 25, 2024
📌100% eOffice implementation across all units.
📌 First district to achieve this.
📌 This digital leap will enhance efficiency, transparency, and service delivery.#GoodGovernanceDay #DigitalIndia pic.twitter.com/xaij3LvwQ5
डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि ई-आफिस प्रणाली से पुलिस महकमे के भीतर होने वाली समस्त प्रशासनिक प्रक्रियायें आधुनिक हो जाएंगी। इससे पारदर्शिता के साथ ही जवाबदेही भी तय होगी। उन्होंने एसपी कन्नौज के प्रयासों की सराहना की। डीजीपी ने कन्नौज में शत प्रतिशत इस प्रणाली को लागू करने में अहम भूमिका निभाने वाले प्रधान लिपित मो. रईस, सब इंस्पेक्टर लेखा त्रिपुरेश तिवारी, सीसीटीएनएस के कम्प्यूटर ऑपरेटर सुशील प्रजापति, ई-आफिस प्रभारी सुभाष सक्सेना, सिपाही ज्ञानेंद्र को प्रशस्ति पत्र देने की घोषणा की। ई आफिस का निर्माण एनआईसी ने किया है। इससे कार्यालयों में की जा रही संपूर्ण कार्रवाई को कागजरहित तथा तेज बनाए जाने के उद्देश्य से लागू किया जा रहा है। ई-ऑफिस के लाइव प्रजेन्टेशन के दौरा एसपी कन्नौज ने थाना तिर्वा के सुधार कार्य और मरम्मत के लिए दो लाख रुपये दिये जाने का आदेश ई- ऑफिस के माध्यम से डिजिटली हस्ताक्षर कर जारी किया।
सेन्ट्रल रजिस्ट्री यूनिट गठित की गई
एसपी कन्नौज अमित कुमार आनन्द ने बताया कि ई-आफिस प्रणाली की शुरुआत 10 नवंबर 2023 में सबसे पहले प्रधान लिपिक कार्यालय व आंकिक शाखा में की गयी थी। इसके सफल होने पर इसे सभी थानों व अन्य कार्यालयों में लागू करने के लिए आवश्यक उपकरण जैसे स्कैनर, लैपटॉप व अन्य सामान खरीदे गए। इसे पूरी तरह से हर जगह लागू करने में एक साल का समय लगा। कन्नौज में तैनात सभी थाना प्रभारी, शाखा प्रभारी व उनके अधीनस्थ कार्यालयों में नियुक्त कर्मचारियों की सरकारी आईडी व वीपीएन तैयार कराये गए। फिर सभी प्रभारियों के ई-आफिस के माध्यम से हस्ताक्षर करने के लिए डीएससी (डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट) बनवाए गए। जिले में इसे सफल करने के लिए एक नई शाखा सीआरयू (सेन्ट्रल रजिस्ट्री यूनिट) गठित की गई। इसके द्वारा सभी प्रकार की प्राप्त डाक को डिजिटली पंजीकरण कर ई-आफिस के माध्यम से पूरे जिले को वितरित किया जाएगा।
इस प्रक्रिया से न सिर्फ दस्तावेजों को काफी समय तक सुरक्षित रखने के झंझट से छुटकारा मिलेगा साथ ही समय की काफी बचत होगी। इसके साथ ही अब मोटी-मोटी फाइलों का जमाना चला गया। एसपी ने कहा कि इसके आने वाले समय में प्रभावी परिणाम दिखेंगे। एसपी ने अहम भूमिका निभाने वाले पुलिसकर्मियों को प्रशस्ति पत्र दिए।
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