हाथरस में हुए हादसे के बाद से बाबा फरार है जिसकी पुलिस तलाश कर रही है। वही कानपुर स्थित आश्रम में भी पॉपीस ने पहुचकर सेवादारों से बातचीत कर जानकारी जुटाई।
Kanpur News : हाथरस से लौटने पर बताया पैरों तले कुचल रही थी जिंदगी, आश्रम में भी पुलिस की पूछताछ
Jul 04, 2024 23:47
Jul 04, 2024 23:47
चारों तरफ लाशें ही लाशें
हाथरस में हुए दर्दनाक हादसे को अपनी आंखों से देखकर वापस आये 70 लोग बिधनू ब्लॉक के कठुई, अफजलपुर, डहरीपुरवा, हाजीपुर के थे। देर रात गंव वापस लौटें लोगों से जब वहां के खौफनाक मंजर के बारे में पूछा गया तो उनकी आंखे भर आयी। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि ईश्वर की कृपा से वो वापस सकुशल लौट आये है। जीवन में उन्हें कभी ऐसा मंजर दोबारा न देखने को मिले। जब भी वो आंखे बंद करते है उन्हें चीख -पुकार व चारों तरफ लाशें ही लाशें दिखाई दे रही है।
सड़क पर लगी थी वाहनों की लंबी कतार
हाथरस से लौटे साकार विश्व हरी के भक्तों ने बताया कि सत्संग स्थल में जगह कम थी और दूसरी तरफ बारिश से हर तरफ कीचड़ ही कीचड़ था। जिसके चलते बैठना मुश्किल था, कीचड़ के चलते लोग सड़क किनारे खड़े होकर सत्संग सुन रहे थे। इसी बीच आरती के बाद गुरूजी तुरंत ही चले गए और उनके जाने के बाद सत्संग स्थल में बनने वाली रंगोली को स्पर्श करने के लिए सड़क की तरफ लोग भागे और सड़क किनारे बने गड्ढे में गिरने लगे देखते ही देखते सत्संग स्थल में भगदड़ मच गयी और 122 लोगों की मौत के बाद सत्संग स्थल शमशान स्थल बन गया। हाथरस से आये लोगों का कहना था कि आयोजनकर्ता द्वारा छोटी जगह का चयन किया गया था वहीं रास्ता भी एक ही बनाया गया जिस पर वाहनों की लंबी कतार सड़क पर लगी थी वहीं बारिश के दौरान लोग भी सड़को पर खड़े थे। हादसे के बाद बसों से गए साकार विश्व हरी के भक्तों को घंटो जाम से झूझना पड़ा वहीं लाखों की भीड़ होने के बावजूद सत्संग के दौरान पंडाल में गिने चुने पुलिसकर्मी नजर आ रहे थे।
कलयुग के कोट पैंट वाले भोले बाबा बने हैं
बताते चले साकार विश्व हरी उर्फ़ सूरज पाल जो की कलयुग के कोट पैंट वाले भोले बाबा बनें है। वो अपने भक्तों को अलग -अलग जिम्मेदारी सौंप देते है सूत्रों के अनुसार सत्संग के दौरान भी पुलिस से परमिशन लेने के बाद फ़ोर्स की व्यवस्था का जिम्मा भी खुद के कार्यसेवकों द्वारा लेते है और उनके हाथों में डंडा थामकर भीड़ को संभालने का जिम्मा देते है। लेकिन जिनके हाथों में डंडा होता उन्हें भीड़ को कैसे संभालना है इसका ज्ञान नहीं होता और यही वजह रही जब हाथरस में रंगोली को स्पर्श करने के चक्कर में भीड़ सड़क से पंडाल की तरफ बढ़ी तो वो उन्हें रोक नही सकें और दर्दनाक हादसे ने सबकी रूँह कंपा दी।
6 महीने बाद ये पहला सत्संग हाथरस में हुआ था
हाथरस से लौटे कठुई गंव निवासी रामू कुशवाहा ने बताया कि वो चार गांव से 70 लोगों में महिलाए व पुरुष दोनों शामिल थे। उन्हें लेकर हाथरस गए थे जैसे ही हमारे नारायण विश्व हरी 12.15 पर मंच पर आये और आरती के बाद 1.20 पर वापस चले गए। उनके जाते ही भीड़ बेकाबू हुई और रंगोली को स्पर्श करने के लिए मंच की तरफ दौड़ी तभी उन्होंने देखा की एक 6 वर्षीय मासूम अपनी माँ के हाथ से छूटकर भगदड़ में आकर मौत के लोगों के पैरों तले आ गया। ये देख रामू का कलेजा कांप गया और भयावह घटना को बताते हुए रामू की आँखे भर आयी। साकार विश्व हरि उर्फ़ सूरजपाल के भक्तों ने बताया कि जनवरी में ग्वालियर में सत्संग हुआ था। इसके बाद चुनाव व अचार संहिता के कारण उनके गुरुदेव ने कोई सत्संग नही किया। 6 महीने बाद उनका ये पहला सत्संग हाथरस में हुआ था जिसके चलते भारी भीड़ व कम जगह होने के चलते ये दर्दनाक हादसा हुआ। बिधनू के करसुई गॉव स्थित आश्रम में ही स्थानीय पुलिस जांच -पड़ताल के लिए पहुंची और वहां के कार्यसेवकों से आश्रम के अध्यक्ष अनिल तोमर व हादसे के बाद फरार चल रहे बाबा सूरज पाल के बारे में पूछतांछ की तो कार्यसेवक डर गए और पुलिस के जाने के बाद आश्रम में ताला डालकर नौ दो ग्यारह नजर आये और आश्रम के बाहर सन्नाटा पसरा रहा।
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