अब कोहरे और धुंध में ट्रेनें आपस में नहीं भिड़ेंगी, क्योंकि कानपुर के फजलगंज स्थित इलेक्ट्रिक लोकोशेड में ट्रेनों के इंजन में कवच सिस्टम लगाया जा चुका है। इस सिस्टम को पहले चरण में कानपुर से कई शहरों के बीच चलने वाली 70 ट्रेनों के इंजन में लागू किया गया है।
ट्रेनों में लगेगा कवच सिस्टम : कोहरे और धुंध में भिड़ंत का खतरा टला, कम होंगे हादसे
Dec 11, 2024 15:32
Dec 11, 2024 15:32
- कई ट्रेनों के इंजन में कवच सिस्टम लगाया जा चुका है
- इंजन में लगे ब्रेकिंग और अलार्म सिस्टम ट्रेन को पहले ही रोक देंगे
- यह कवच वायरलेस सिस्टम पर काम करता है
इंजनों में कवच लगाने के लिए टेंडर जारी
रेलवे की ओर से कानपुर और गाजियाबाद के लोकोशेड के इंजनों में कवच लगाने के लिए टेंडर जारी किए गए थे। फजलगंज लोकोशेड को 87 ट्रेनों की जिम्मेदारी दी गई थी। सीनियर डिवीजनल इलेक्ट्रिकल इंजीनियर राहुल त्रिपाठी ने बताया कि प्रत्येक ट्रेन में कवच लगाने में दो दिन का समय लगता है और चार-चार विशेषज्ञों की टीम इस कार्य में लगी हुई है। यह कवच वायरलेस सिस्टम पर काम करता है, जो सुरक्षा को और भी मजबूत बनाता है।
ऐसे काम करेगा कवच सिस्टम
सीनियर डिवीजनल इलेक्ट्रिकल इंजीनियर ने बताया कि कवच सिस्टम एक ही ट्रैक पर दो ट्रेनों के आमने-सामने आते ही सक्रिय हो जाएगा और निर्धारित दूरी पर काम करना शुरू कर देगा। इस सिस्टम के साथ लगे ब्रेक ट्रेन की रफ्तार को रोक देंगे, जिससे ट्रेनें टकराव से पहले ही रुक सकेंगी। इसके अलावा, यह सिस्टम ट्रेन में अलार्म या अन्य तरह के अलर्ट जारी करेगा, जिससे चालक इमरजेंसी ब्रेक लगा सकेंगे। यदि एक ट्रेन के पीछे दूसरी ट्रेन चल रही है, तो यह सिस्टम पीछे वाली ट्रेन को टकराव से पहले ही रोक देगा, जिससे दोनों ट्रेनों के बीच सुरक्षित दूरी बनी रहेगी।
10 हजार इंजनों में लगेगा कवच
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि रेलवे बोर्ड की ओर से 10 हजार इंजनों में कवच लगाने के लिए टेंडर हुए हैं। जल्द ही इन ट्रेनों में इसकी सुविधा होने की उम्मीद है।
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