कानपुर शहर में एक बार फिर से कूड़े का अंबार देखने को मिल रहा है। वजह नगर निगम की 401 गाड़ियों को डीजल मुहैया न होने के चलते शहर में कूड़े का उठान नहीं हो सका। गलियों से लेकर मुख्य मार्ग और कूड़ा ट्रांसफर प्लांट में यूं ही कचरा पड़ा रहा।काफी समय बाद शहर में ऐसा नजारा देखने को मिला है।
शहर में फिर दिखे कूड़े के ढेर : इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की सूची में अभी शामिल हुआ था कानपुर नगर निगम
Oct 15, 2024 19:02
Oct 15, 2024 19:02
Kanpur News : कानपुर नगर निगम ने अभी 23 सितंबर से 2 अक्टूबर तक चले 207 घंटे के महा सफाई अभियान में जहां एक और सफाई में इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में जगह बना कर एक उपलब्धि हासिल की थी।वही अब फिर से शहर में लगे कूड़े के ढेर ने इस उपलब्धि की पोल खोल कर रख दी।जिसके चलते लोगों को काफी समस्याएं भी हो रही है।यह समस्याएं क्यों है इसकी भी एक वजह है।यह समस्या नगर निगम की गाड़ियों को डीजल मुहैया ना होने के चलते उठानी पड़ रही है।जिससे शहर से कूड़े का उठान नहीं हो सका।गलियों से लेकर मुख्य मार्गों और कूड़ा ट्रांसफर प्लांट में यूं ही कचरा पड़ा रहा।लंबे अरसे बाद शहर में इस तरह की गंदगी पसरी नजर आई है।
पेट्रोल पंपों का है बकाया
बता दे की शहर में नगर निगम द्वारा कूड़ा उठाने को लेकर चल रही करीब 401 गाड़ियां गली मोहल्लों से कूड़ा उठान का काम करती है।जिससे गली मोहल्लों और सड़कों में जो ढेर लगा होता था वह खत्म हो गया था।लेकिन एक बार फिर से अब सड़को में कूड़े का ढेर देखने को मिला है।वजह यह है कि नगर निगम से लगभग 4 महीने से अधिकृत पेट्रोल पंपों को डीजल का बकाया नहीं चुकाया गया। जिसके चलते नगर निगम की गाड़ियां शहर से कूदे उठाने में असमर्थ हैं। बता दे कि अभी तक का मिलाकर कुल बकाया 12 करोड रुपए से अधिक हो चुका है। अभी तक पंपों को यह उम्मीद थी की बकाया भुगतान हो जाएगा मगर फाइलें लंबित चल रही है।आखिरकार पंपों ने अब डीजल देने से साफ मना कर दिया है।इसका असर समूचे शहर में देखने को मिल रहा है। ना तो कूड़ा उठाने के लिए जेसीबी चली और ना ही ट्रक और लोडर चल पाए। पनकी कूड़ा निस्तारण प्लांट तक कूड़ा नहीं पहुंचा इसलिए प्लांट भी नहीं चल सका सिर्फ बहुत पुराने कूड़े का निस्तारण होता रहा।
रोस्टर के अनुसार होती है सफाई
यह स्थिति तब है जब रोजाना लगभग 300 टन कूड़ा पनकी प्लांट तक पहुंच ही नहीं पता। यह कूड़ा शहर के बाहरी इलाकों का है जहां रोजाना गाड़ियां नहीं पहुंच पाती। कई बीटों पर तो रोस्टर के हिसाब से सफाई हुआ करती है। श्याम नगर,उस्मानपुर ,खाड़ेपुर, देहली सुजानपुर और चकेरी के कई इलाके शामिल है।कूड़े का उठान न हुआ तो प्लांट पर रोजाना बोझ बढ़ता जाएगा।
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