सीसामऊ सीट पर दलित-सिंधी-पंजाबी वोटरों पर राजनीतिक पार्टियों की नजर : 60 फीसदी मतदाता जिधर झुके उसकी जीत निश्चित

60 फीसदी मतदाता जिधर झुके उसकी जीत निश्चित
UPT | बीजेपी-सपा

Nov 05, 2024 20:20

कानपुर की सीसामऊ सीट पर सभी राजनीतिक पार्टियां एड़ी चोटी का जोर लगा रही हैं। वहीं सपा और बीजेपी की नजर दलित, सिंधी-पंजाबी वोटरों पर है। यह वोटर जिस तरफ गया उसकी जीत निश्चित मानी जा रही है। दोनों ही पार्टियों की नजर इस वोट बैंक पर है।

Nov 05, 2024 20:20

Short Highlights
  • सीसामऊ क्षेत्र में हैं 40 दलित बस्तियां
  • सपा-बीजेपी ने बस्तियों में झोंकी ताकत
  • दलित और सिंधी-पंजाबी वोटरों पर सभी की नजर
Kanpur News : यूपी के कानपुर की सीसामऊ सीट का उपचुनाव बड़ा ही दिलचस्प होता जा रहा है। सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र में दलित, सिख और सिंधी-पंजाबी मतदाताओं की संख्या 80 हजार से अधिक है। सपा और बीजेपी की नजर इन्हीं मतदाताओं पर है। राजनीतिक पार्टियां को इन वोटरों की ताकत का अहसास है। उन्हें पता है कि जिस भी पार्टी की तरफ इन मतदाताओं का झुकाव हुआ, उसकी जीत निश्चित है।

सीसामऊ क्षेत्र में 40 से अधिक दलित बस्तियां हैं। जिसमें वाल्मीकि, खटिक, कोरी, जाटव, धानुक समेत सभी जातियों के लोग रहते हैं। सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात है कि खुद को दलितों का मसीहा बताने वाली पार्टी बसपा के साथ ना जाकर बीजेपी और सपा की तरफ झुकाव देखा जा रहा है। पिछले तीन चुनावों के आंकड़े देखे जाएं तो बसपा का जनाधार लगातार खिसकता हुआ नजर आ रहा है।

इस रणनीति पर काम कर रही बीजेपी 
प्रदेश सरकार में वित्तमंत्री सुरेश खन्ना पहले ही कह चुके हैं कि पूरा फोकस दलित और सिख मतदाताओं पर होना चाहिए। दलित बस्तियों में जनसंपर्क के दौरान अपनी बोलचाल का लहजा दोस्ताना रहना चाहिए। अनदेखी और गुस्सा बिल्कुल भी नहीं चलेगा। वहां के लोगों से बात करें और उनकी समस्याओं को समझें। इसके लिए पार्टी ने पन्ना प्रमुख, बूथ अध्यक्ष, शक्ति केंद्रों के प्रभारियों को लगाया गया है।

घर-घर संपर्क 
इसी प्रकार सपा दलित बस्तियों में जाकर मतदाताओं को पूर्व विधायक के कार्यों की याद दिला रही है। इसके साथ ही सपाइयों ने घर-घर जाकर मतदाताओं से संपर्क करना शुरू कर दिया है। इसके साथ ही बस्तियों में बैठकों का दौर लगातार जारी है। यदि यहां पर सिख समाज की बात की जाए तो यहां पर 60 और 40 का अनुपात है।

बीजेपी का फोकस 
सीसामऊ क्षेत्र दलित, सिख मतदाता कहां जाएंगे यह पार्टी की रणनीति और अपने विवेक पर निर्भर करेगा। इसी वजह से बीजेपी दलित और सिंधी-पंजाबी वोटरों पर फोकस कर रही है। बीजेपी की रणनीति है कि इस बार 80 फीसदी सिख मतदाताओं को अपने पाले में लाया जाए। इसके लिए सिख बिरादरी के कार्यकर्ताओं की टोलियों को लगाया गया है।

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