बीजेपी की मैनपुरी सीट पर पैनी नजर है। मैनपुरी सीट पर बीजेपी मुलायम सिंह की छोटी बहु अपर्णा यादव को मैदान में उतार सकती है। यदि मैनपुरी सीट पर बीजेपी अपर्णा को प्रत्याशी बनाती है, तो देवरानी और जेठानी के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है।
Kanpur News : नेताजी की विरासत में जेठानी-देवरानी कर रहीं दावा, बीजेपी मैनपुरी से अपर्णा को बना सकती है प्रत्याशी
Apr 06, 2024 16:25
Apr 06, 2024 16:25
मुलायम सिंह यादव की छोटी बहु अपर्णा ने दो साल पहले बीजेपी ज्वाईंन की थी। बीजेपी की सदस्यता ग्रहण करने बाद पार्टी ने उन्हें किसी भी तरह की अहम जिम्मेदारी नहीं दी है। उन्हें विधानसभा चुनाव में भी टिकट नहीं दी गई थी। इसके साथ ही संगठन में उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी नहीं दी गई है। प्रदेश में इस बात की चर्चा है कि बीजेपी संसदीय चुनाव में अपर्णा यादव को उतार सकती है। बीजेपी ने अभी तक मैनपुरी सीट से प्रत्याशी नहीं उतारा है।
देशभर की नजर मैनपुरी सीट पर होगी
मैनपुरी लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी ने वर्तमान सांसद डिंपल यादव को प्रत्याशी बनाया है। वहीं, बीजेपी ने इस सीट पर प्रत्याशी के नाम का एलान नहीं किया है। बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व प्रत्याशी के नाम पर मंथन कर रहा है। चुनावी गलियारों में इस बात की चर्चा है कि मैनपुरी सीट से बीजेपी अपर्णा यादव को उतारने पर विचार कर रही है। यदि बीजेपी अपर्णा यादव को प्रत्याशी बनाती है, तो मैनपुरी लोकसभा सीट का चुनाव बड़ा ही दिलचस्प हो जाएगा। देशभर की नजरें इस सीट पर होगी।
उपचुनाव में बीजेपी ने रघुराज शाक्य को उतारा था
सपा संरक्षक मुलायम सिंह के निधन के बाद मैनपुरी सीट पर उपचुनाव हुए थे। अखिलेश यादव ने पिता की विरासत को बचाने के लिए पत्नी डिंपल यादव को उतारा था। वहीं, बीजेपी ने डिंपल के विरोध में सपा से पूर्व सांसद रह चुके रघुराज शाक्य को मैदान में उतारा था। रधुराज शाक्य को शिवपाल सिंह यादव का हनुमान भी कहा जाता था। शिवपाल सिंह यादव जब सपा से अलग हुए, तो उन्होंने प्रसपा का गठन किया था। शिवपाल के साथ ही रघुराज शाक्य ने भी सपा छोड़कर प्रसपा ज्वाईंन कर ली थी। शिवपाल ने रघुराज शाक्य को कानपुर मंडल का प्रभारी बनाया था।
चुनावी बागडोर शिवपाल ने संभाली थी
विधानसभा चुनाव 2022 में रघुराज शाक्य ने प्रसपा छोड़कर बीजेपी ज्वाईंन कर ली थी। इसके बाद बीजेपी ने रघुराज शाक्य को डिंपल के सामने उपचुनाव में उतार दिया था। उपचुनाव में डिंपल के चुनाव की कमान शिवपाल ने संभाली थी। शिवपाल को पता था कि किस नेता और कार्यकर्ता को कहां सेट करना है। उन्होंने मैनपुरी में ऐसा दांव खेला था, जिसमें बीजेपी चारो खाने चित हो गई थी। इसके बाद शिवपाल ने मुलायम सिंह की समाधी में जाकर नमन किया था। मैनपुरी उपचुनाव जीतने के बाद शिवपाल ने प्रसपा का सपा में विलय कर दिया था।
मैनपुरी से है परिवारिक रिश्ता
डिंपल यादव का कहना है कि मैनपुरी नेता जी कर्मभूमि रही है। यहां की जनता का नेताजी के साथ परिवारिक रिश्ता रहा है। मैनपुरी भी परिवार है, सभी समाजवादी परिवार की तरह ही रहते हैं। मैनपुरी में बहुत अच्छा चुनाव होगा। फिर चाहे कोई भी आए, इससे फर्क नहीं पड़ता है।
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