कानपुर के जाजमऊ आगजनी मामले में गुरुवार को सरकारी वकीलों ने कोर्ट के सामने दलील पेश की। वकीलों ने अदालत को बताया कि नजीर फातिमा की झोपड़ी में आग पटाखे से नहीं बल्कि पेट्रोल-केरोसिन से लगाई गई थी। जिसकी पुष्टि फोरेंसिक लैब की रिपोर्ट भी कर रही है।
जाजमऊ आगजनी मामला : इरफान की मौजूदगी में पेट्रोल-केरोसिन छिड़क कर लगाई गई थी आग, सरकारी वकीलों ने पेश की दलील, जमानत पर फैसला सुरक्षित
Nov 08, 2024 18:10
Nov 08, 2024 18:10
- हाईकोर्ट में सरकारी वकीलों ने अदालत के समक्ष रखीं दलीलें
- इरफान और रिजवान की मौजूदगी में लगाई गई आग
- फोरेंसिक रिपोर्ट में पटाखे से नहीं पेट्रोल-केरोसिन से लगाई गई आग
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इरफान समेत अन्य दोषियों की अपील संग दाखिल जमानत अर्जियों पर न्यायमूर्ति राजीव गुप्ता और न्यायमूर्ति सुरेंद्र सिंह (प्रथम) की अदालत सुनवाई कर रही है। बुधवार को इरफान के वरिष्ठ अधिवक्ता जीएस चतुर्वेदी और उपेंद्र उपाध्याय ने बहस पूरी की थी। जिसमें बचाव पक्ष ने वादिनी के बयान पर सवाल उठाए थे।
फोरेंसिक रिपोर्ट का दिया हवाला
गुरुवार को सरकार की तरफ से अपर महाअधिवक्ता मनीष गोयल, सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता एम नटराजन, शासकीय अधिवक्ता आशुतोष कुमार सड ने दलील पेश की। अदालत के समक्ष पक्ष रखते हुए कहा कि फोरेंसिक लैब की रिपोर्ट के मुताबिक झोपड़ी में आग पटाखे से नहीं पेट्रोल और करोसीन जैसे ज्वलनशील पदार्थ से लगाई गई थी। इरफान, रिजवान समेत सभी आरोपी मौके पर मौजूद थे।
इनपर दर्ज कराया मुकदमा
बीते 8 नवंबर 2022 को सपा विधायक इरफान सोलंकी, भाई रिजवान सोलंकी, इजरायल आटेवाला,मो शरीफ, शौकत अली, अनूप यादव, महमूद आलम, शमसुद्दीन, एजाजुद्दीन उर्फ सबलू, मो एजाज, मुरासलीन भोलू, शकील चिकना के खिलाफ नजीर फातिमा ने अपनी झोपड़ी में आगजनी करने का मुकदमा दर्ज कराया था।
दोषियों को उम्रकैद की मांग
जून 2024 में कानपुर की विशेष अदालत ने इरफान उनके भाई रिजवान, इजरायल आटेवाला, मो शरीफ, शौकत अली को दोषी करार देते हुए सात साल की सजा सुनाई थी। जबकि राज्य सरकार ने सभी आरोपियों को उम्रकैद दिए जाने की मांग की है।
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