यदि साल 2024 की बात की जाए तो कानपुर में समाजवादी पार्टी सबसे ज्यादा सुखियों में रही है। जिसके केंद्र में पूर्व विधायक इरफान सोलंकी और उनकी पत्नी नसीम सोलंकी रहीं। जाजमऊ आगजनी मामले में इरफान को सजा हुई और विधायकी भी गवानी पड़ी। वहीं, उनकी पत्नी ने नसीम ने परिवार की राजनीतिक विरासत को संभालने का काम किया।
अलविदा-2024 : सपा के लिए कभी खुशी-कभी गम देने वाला रहा यह साल, इरफान को कोर्ट ने सुनाई सजा-विधायकी गई, उपचुनाव जीतकर पत्नी पहुंचीं विधानसभा
Dec 30, 2024 19:51
Dec 30, 2024 19:51
जाजमऊ थाना क्षेत्र स्थित डिफेंस कॉलोनी में रहने वाली नजीर फातिमा का प्लाट है। नजीर फातिमा का परिवार प्लाट में ट्टर और छप्पर डालकर रहता है। नजीर फातिमा ने आरोप लगाया था कि सपा विधायक और उनके भाई प्लाट पर कब्जा करना चाहते थे। बीते 7 नवंबर 2022 (सोमवार) को परिवार के साथ एक शादी समारोह में शामिल होने के लिए गए थे। इसी बीच विधायक और उनके भाई ने झोपड़ी में आग लगा दी। पुलिस ने आईपीसी की धारा 147, 327, 427, 386, 504, 436, 506 और 120 के तहत मुकदमा किया था।
कोर्ट ने आगजनी की धारा 436 में माना था दोषी
कोर्ट ने बीते 3 जून को आईपीसी की धारा 436, 427, 147, 504, 323 की धाराओं में दोषी करार दिया था। इसके साथ ही धारा 386, 149, 120बी में दोष मुक्त कर दिया था। कोर्ट ने बीते 7 जून को सपा विधायक इरफान सोलंकी उनके भाई रिजवान सोलंकी, शौकत पहलवान, शरीफ और इजराइल आटे वाला को दोषी मानते हुए 7 साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही 30,500 का जुर्माना लगाया था।
अखिलेश यादव ने दिए थे संकेत
इरफान को सजा सुनाए जाने के बाद उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई। इरफान की विधायकी जाने के बाद सोलंकी परिवार की राजनीतिक विरासत कौन संभालेगा इसको लेकर कानपुर में चर्चाएं तेज थी। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने भी राजनीतिक समीकरणों को भांप लिया था। उपचुनाव की तारीखों से पहले ही नसीम सोलंकी को चुनाव लड़ने के लिए तैयार रहने के संकेत दे दिए थे। वहीं, बीजेपी की नजर भी सीसामऊ सीट पर थी।
सिसमाऊ सीट जीतना चाहती थी पुलिस
बीजेपी सीसामऊ सीट को रामपुर की तर्ज पर जितना चाहती थी, कई दशकों से सीसामऊ सीट पर कमल नहीं खिला था। सीएम योगी ने कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना और मंत्री नितिन अग्रवाल को सीसामऊ सीट का प्रभारी नियुक्त कर दिया। उपचुनाव की तारीखों का एलान होते ही, बीजेपी ने सीसामऊ में मंत्रियों की फौज उतार दी थी। सीएम योगी ने दो जनसभाएं और रोड शो करके पार्टी के पक्ष में माहौल बनाया। बीजेपी प्रत्याशी सुरेश अवस्थी ने भी एड़ी चोटी का जोर लगाया।
संघर्षों से भरा रहा सफर
वहीं, सपा प्रत्याशी के नसीम सोलंकी के प्रचार के दौरान कई बार भावुक हो गईं। शिवपाल सिंह यादव के साथ सभा को संबोधित करते हुए नसीम सोलंकी रो पड़ी थीं। इसके साथ ही दीवाली के मौके उन्होंने मंदिर जाकर शिवलिंग पर जलाभिषेक किया था, और दीपक जलाए थे। उनकी जब यह तश्वीरें वायरल हुईं तो मौलानाओं ने नसीम के खिलाफ फतवा जारी कर दिया था। इसके बाद हिंदूवादी संगठनों ने मंदिर की धुलाई की थी। नसीम सोलंकी को चुनाव प्रचार के समय इसका फायदा भी मिला था।
नसीम ने संभाला मोर्चा
सीसामऊ उपचुनाव में मतदान दिन सपा ने पुलिस प्रशासन पर मतदाताओं की पर्ची देखकर वापस लौटाने का आरोप लगाया था। जिसके वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे। कई पोलिंग बूथों पर मतदाताओं को वोट करने से रोका गया, तो नसीम सोलंकी ने खुद मौके पर जाकर पुलिस कर्मियों से मोर्चा लिया था। मतगड़ना के दिन जब ईवीएम खुली तो नसीम सोलंकी ने सब को हैरान कर दिया था। नसीम सोलंकी ने बीजेपी प्रत्याशी नसीम सोलंकी को 8829 वोटों से हरा कर सोलंकी परिवार की राजनीतिक विरासत को बचाने को बचाने का काम किया था।
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